तस्वीर : AFP
अमृतसर:
एक तरफ कयास लगाए जा रहे हैं कि अमृतसर में हो रही हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां दिए अपने भाषण में पाकिस्तान को एक सीधा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने रविवार को 40 देशों के प्रतिनिधि मंडल के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जरूरत है और चुप्पी और निष्क्रियता से आतंक और उसके मालिकों को बढ़ावा ही मिलेगा.
अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए होने वाले इस सम्मेलन में पीएम ने कहा कि बढ़ती आतंकी हिंसा इस वक्त क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. पीएम मोदी जब यह कह रहे थे कि आंतकवाद और खून खराबे को परास्त करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के प्रदर्शन की जरूरत है तब दर्शक दीर्घा में पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी बैठे हुए थे.
पाकिस्तान के नाम लिए बगैर लेकिन ज़ाहिर तौर पर अपनी बात में उसकी तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा 'अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए उठने वाली आवाज़े में काफी नहीं है. इसके लिए कड़ी कार्यवाही की जरूरत है. सिर्फ आतंकवाद के पीछे की ताकतों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके खिलाफ भी कार्यवाही करना जरूरी है जो आतंकवादियों को हर तरह की सहायता मुहैया करवाते हैं.'
उधर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए कहा 'हम पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए उन्होंने 50 करोड़ डॉलर की सहायता का वचन दिया है. उम्मीद है आप इसे पाकिस्तान में ही आतंकवाद और कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे. किसी भी तरह की रकम हमारी मदद नहीं कर सकती अगर पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहा.'
बता दें कि पाकिस्तान में विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी अमृतसर में हो रही इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा हैं. पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि वह भारत के साथ बिना किसी शर्त दोबारा संवाद स्थापित करने के लिए तैयार है.
चार देशों के विदेशमंत्रियों ने शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिस दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना महत्वपूर्ण है.
अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए होने वाले इस सम्मेलन में पीएम ने कहा कि बढ़ती आतंकी हिंसा इस वक्त क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. पीएम मोदी जब यह कह रहे थे कि आंतकवाद और खून खराबे को परास्त करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के प्रदर्शन की जरूरत है तब दर्शक दीर्घा में पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी बैठे हुए थे.
पाकिस्तान के नाम लिए बगैर लेकिन ज़ाहिर तौर पर अपनी बात में उसकी तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा 'अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए उठने वाली आवाज़े में काफी नहीं है. इसके लिए कड़ी कार्यवाही की जरूरत है. सिर्फ आतंकवाद के पीछे की ताकतों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके खिलाफ भी कार्यवाही करना जरूरी है जो आतंकवादियों को हर तरह की सहायता मुहैया करवाते हैं.'
उधर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए कहा 'हम पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए उन्होंने 50 करोड़ डॉलर की सहायता का वचन दिया है. उम्मीद है आप इसे पाकिस्तान में ही आतंकवाद और कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे. किसी भी तरह की रकम हमारी मदद नहीं कर सकती अगर पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहा.'
बता दें कि पाकिस्तान में विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी अमृतसर में हो रही इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा हैं. पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि वह भारत के साथ बिना किसी शर्त दोबारा संवाद स्थापित करने के लिए तैयार है.
चार देशों के विदेशमंत्रियों ने शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिस दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना महत्वपूर्ण है.
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