संसद में सोनिया गांधी का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
दिल्ली में कांग्रेस की संसद संसदीय दल की बैठक में फैसला हुआ है कि कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी और आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में अपनी मांगों के साथ ही शामिल होगी। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्य रूप से कहा...
1. प्रधानमंत्री पुरानी चीजों को नया कलेवर देने वाले, दक्ष विक्रेता, सुर्खियां बटोरने वाले और चतुर खबर प्रबंधक बन गए हैं।
2. भाजपा 'अभी इस्तीफा, बाद में चर्चा' सिद्धांत की लेखक है, जिसे संप्रग शासन के दौरान कम से कम पांच अवसरों पर इस्तेमाल किया गया। हम केवल इसे अपना रहे हैं।
3. लगता है कि 'मन की बात' करने वाले चैम्पियन ने 'मौन व्रत' धारण कर लिया है।
4. सरकार जिम्मेदारी की बजाए अहंकार दिखाते हुए संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है। जांच की जगह महज चर्चा कराना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है।
5. चर्चा और संवाद पहले तथा कार्रवाई बाद में करने का भाजपा का रुख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है।
वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, जिस स्तर का भ्रष्टाचार हुआ, हमें बीजेपी के आरोपी नेताओं का इस्तीफा ही चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत तमाम बड़े नेता और कांग्रेसी सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के अड़ियल रवैये के ख़िलाफ़ कांग्रेस अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी। सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े पर अड़ी कांग्रेस आगे भी सरकार को इस मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है।
उधर, संसद में जारी गतिरोध को ख़त्म करने के मकसद से केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है, लेकिन कांग्रेस ने पहले ही शर्त रख दी थी कि इस बैठक में वो तभी शामिल होगी जब बैठक के एजेंडे में शिवराज सिंह चौहान, सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे पर कार्रवाई की बात शामिल हो। कांग्रेस व्यापमं घोटाले को लेकर शिवराज और ललित मोदी के मामले में सुषमा स्वराज और वसुंधरा के इस्तीफ़े की मांग कर रही है। सर्वदलीय बैठक सोमवार 12 बजे होगी।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि कांग्रेस संसद के कामकाज को रोककर देश की तरक्की रोक रही है। अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि अगर विपक्ष संसद में चर्चा होने देती है और चर्चा के दौरान ज़रूरत पड़ती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसमें दखल दे सकते हैं। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था। सत्र का आधा वक़्त बीत चुका है, लेकिन कोई कामकाज अब तक नहीं हो पाया है।
1. प्रधानमंत्री पुरानी चीजों को नया कलेवर देने वाले, दक्ष विक्रेता, सुर्खियां बटोरने वाले और चतुर खबर प्रबंधक बन गए हैं।
2. भाजपा 'अभी इस्तीफा, बाद में चर्चा' सिद्धांत की लेखक है, जिसे संप्रग शासन के दौरान कम से कम पांच अवसरों पर इस्तेमाल किया गया। हम केवल इसे अपना रहे हैं।
3. लगता है कि 'मन की बात' करने वाले चैम्पियन ने 'मौन व्रत' धारण कर लिया है।
4. सरकार जिम्मेदारी की बजाए अहंकार दिखाते हुए संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है। जांच की जगह महज चर्चा कराना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है।
5. चर्चा और संवाद पहले तथा कार्रवाई बाद में करने का भाजपा का रुख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है।
वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, जिस स्तर का भ्रष्टाचार हुआ, हमें बीजेपी के आरोपी नेताओं का इस्तीफा ही चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत तमाम बड़े नेता और कांग्रेसी सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के अड़ियल रवैये के ख़िलाफ़ कांग्रेस अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी। सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े पर अड़ी कांग्रेस आगे भी सरकार को इस मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है।
उधर, संसद में जारी गतिरोध को ख़त्म करने के मकसद से केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है, लेकिन कांग्रेस ने पहले ही शर्त रख दी थी कि इस बैठक में वो तभी शामिल होगी जब बैठक के एजेंडे में शिवराज सिंह चौहान, सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे पर कार्रवाई की बात शामिल हो। कांग्रेस व्यापमं घोटाले को लेकर शिवराज और ललित मोदी के मामले में सुषमा स्वराज और वसुंधरा के इस्तीफ़े की मांग कर रही है। सर्वदलीय बैठक सोमवार 12 बजे होगी।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि कांग्रेस संसद के कामकाज को रोककर देश की तरक्की रोक रही है। अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि अगर विपक्ष संसद में चर्चा होने देती है और चर्चा के दौरान ज़रूरत पड़ती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसमें दखल दे सकते हैं। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था। सत्र का आधा वक़्त बीत चुका है, लेकिन कोई कामकाज अब तक नहीं हो पाया है।
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