श्रीनगर से लौटते समय राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जिस फ्लाइट से आ रहे थे उसने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने से ठीक पहले एक बार फिर उड़ान भरी थी. बता दें कि लैंड करने से कुछ देर पहले ही पायलट द्वारा घोषणा की गई थी कि वह दिल्ली में लैंड करने वाले हैं. फ्लाइट के लैंड होने से पहले एक बार उड़ाने की वजह बात में साफ की गई. बताया गया कि जिस रन वे पर फ्लाइट को उतारा जाना था वह खाली नहीं थी. इस वजह से लैंड करने से ठीक पहले पायलट को फ्लाइट को एक बार फिर ऊपर लेकर जाना पड़ा. बता दें कि इस फ्लाइट में राहुल गांधी और अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ कुल 100 यात्री भी सवार थे.
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गौरतलब है कि राहुल गांधी को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था. इसे लेकर उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने रविवार को कहा कि इससे ज्यादा राजनीतिक और एंटी-नेशनल क्या ही हो सकता है कि आप राष्ट्रवाद के नाम पर कश्मीर के लोगों की आवाज को दबा रहे हैं. आप (मोदी सरकार) जम्मू-कश्मीर पर खुद राजनीति कर रहे हैं लेकिन इसका आरोप विपक्ष पर लगा रहे हैं. बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी समेत सभी 12 नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया था. राहुल गांधी अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हालात का जायजा लेने और स्थानीय लोगों से मिलने जाना चाहते थे.
प्रियंका गांधी ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि आखिर कब तक ऐसा चलते रहेगा? कश्मीर में राष्ट्रवाद के नाम पर लाखों लोगों की आवाज शांत की जा रही है. प्रियंका गांधी ने एक ट्विटर यूजर के ट्वीट री-ट्वीट करते हुए ऐसा लिखा. यूजर ने अपने ट्विटर से एक ऐसा वीडियो किया था जिसमें एक महिला फ्लाइट में राहुल गांधी से रो-रोकर कश्मीर में मौजूदा हालात के बारे में बता रही है.
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बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है जिसमें वह श्रीनगर एयरपोर्ट पर अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि आखिर वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से क्यों नहीं मिल सकते. इस वीडियो में राहुल गांधी ने अधिकारियों से पूछा कि अगर जम्मू-कश्मीर में हालात समान्य हैं तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है. वह अधिकारियों से यह भी कह रहे हैं कि हम यहां राज्यपाल के बुलावे पर आए हैं. हमारा मकसद सिर्फ अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां के लोग से मिलकर च रहे हैं यह जानने भर का है. अगर आप चाहें तो हमें उन इलाकों में ही जाने की अनुमति दे दी जाए जहां हालात समान्य हैं. बता दें कि राहुल गांधी अन्य 11 नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया और वहीं से उन्हें वापस आना पड़ा.
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राहुल गांधी को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोके जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया. पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि सरकार बार-बार कह रही है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति अब समान्य है. अगर वहां सब कुछ समान्य है तो हमें आखिर बाहर जाने से क्यों रोका जा रहा है. क्या राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को राज्य में आकर हालात का जायजा लेने का न्योता नहीं दिया था.
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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेजा गया था. जिसके बाद दिल्ली वापस लौटने पर राहुल गांधी ने कहा था कि राज्य प्रशासन के इस कदम ने साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं है. राहुल गांधी ने दावा किया थाा कि उन्हें राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा राज्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया गया था कि केंद्र के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में पाबंदी के बावजूद भी घाटी में सबकुछ सामान्य है.''
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राहुल गांधी ने कहा था कि कुछ दिन पहले, मुझे जम्मू-कश्मीर की यात्रा के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया था. इसलिए मैंने उनका आमंत्रण स्वीकार किया. राज्यपाल ने सुझाव दिया था कि सब कुछ सामान्य है और वह मुझे राज्य का दौरा करने के लिए एक विमान भेजेंगे. मैंने उनसे कहा था कि मुझे आपके विमान की आवश्यकता नहीं है लेकिन मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करूंगा और मैं जम्मू-कश्मीर आ जाऊंगा.
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दिल्ली लौटने के बाद राहुल ने आगे कहा था कि हम यह जानना चाहते थे कि लोग किस स्थिति में हैं और अगर हम उनकी मदद कर सकते हैं तो करेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से हमें हवाई अड्डे से आगे नहीं जाने दिया गया. हमारे साथ के प्रेस लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया गया और पीटा गया. यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं.''
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