शक्ति मिल परिसर में टेलीफोन ऑपरेटर के साथ सामूहिक बलात्कार के चार मुजरिमों को उम्रकैद की सजा सुनाने के बाद मुंबई की एक अदालत ने फोटो पत्रकार सामूहिक बलात्कार कांड में तीन साझे अभियुक्तों के खिलाफ आज नया अभियोग निर्धारित किया।
इन अभियुक्तों के खिलाफ बार-बार अपराध करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ई) के तहत अतरिक्त अभियोग निर्धारित किए गए, जिसके तहत उन्हें अधिकतम मौत की सजा तक हो सकती है।
इससे पहले अदालत ने इस संबंध में अभियोजन पक्ष का आवेदन मंजूर किया। लेकिन तीन साझे अभियुक्तों-कासिम बंगाली, विजय जाधव और मोहम्मद सलीम अंसारी ने खुद को बेगुनाह बताया और यह कहते हुए आरोप पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया कि वे अबतक टेलीफोन ऑपरेटर कांड के फैसले को भी नहीं पढ़ पाए हैं।
इससे पहल प्रधान सत्र न्यायाधीश शालिनी फंसालकर जोशी ने इस मामले में सुनवाई स्थगित करने और अभियोजन पक्ष के ताजे आरोप संबंधी अनुरोध पर फैसला हो जाने के बाद सजा की मात्रा के मुद्दे पर आगे बढ़ने के बचाव पक्ष का अनुरोध खारिज कर दिया बचाव पक्ष ने यह कहते हुए स्थगन की मांग की कि वह विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम के आवेदन को चुनौती देने के लिए बंबई हाईकोर्ट जाना चाहता है। निकम ने अतिरिक्त आरोप तय करने के लिए यह आवेदन दिया है। निकम ने बताया कि आईपीसी की धारा 376 (ई) के तहत अधिकतम मृत्युदंड का प्रावधान है।
अदालत ने स्थगन से इनकार करते हुए कहा कि सुनवाई चलने के दौरान भी आरोपी उसके आदेश को चुनौती दे सकते हैं। इसी अदालत ने 21 मार्च को टेलीफोन ऑपरेटर सामूहिक बलात्कार कांड में विजय जाधव, मोहम्मद कासिम, हाफिज शेख उर्फ कासिम बंगाली और मोहम्मद सलीम अंसारी मोहम्मद अशफाक शेख को उम्रकैद की सजा सुनायी थी।
विजय जाधव, कासिम बंगाली और मोहम्मद सलीम अंसारी दोनों ही मामलों में दोषी ठहराए गए हैं, जबकि सिराज खान फोटो पत्रकार सामूहिक बलात्कार कांड (पिछले साल 22 अगस्त) तथा मोहम्मद अशफाक शेख टेलीफोन ऑपरेटर सामूहिक बलात्कार कांड (31 जुलाई पिछले साल) में दोषी पाया गया।
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