24 नवंबर 2014 को भारत ने मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान सफलतापूर्वक स्थापित किया था
नई दिल्ली:
2000 रुपये के नए नोट में स्थान पाने के बाद, भारत के मंगलयान ने एक और कामयाबी को छू लिया है. मंगलयान ने इसी सप्ताह अपने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं.
भारत के मंगल ग्रह पर पहले मिशन के बाद मंगलयान के कैमरे द्वारा इस लाल ग्रह की फोटो ली गई है. इस फोटो को अपनी उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों के लिए प्रसिद्ध नेशनल जियोग्राफिक मैगजीन के कवर पेज पर स्थान दिया गया है.
मैगजीन में मंगलयान की लगभग एक दर्जन तस्वीरों को जगह दी गई है. विशेषज्ञ स्वीकार करते हैं कि भारत के मंगलयान ने उम्दा तस्वीरें ली हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि मंगलयान से पहले के 50 से अधिक मिशन इतनी गुणवत्ता वाली संपूर्ण आकार की तस्वीरे लेने में सफल नहीं हुए.
भारत के मिशन की लागत 450 करोड़ रुपये थी. गौरतलब है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में तीन प्रमुख देशों के वर्चस्व को तोड़ते हुए भारत ने इतिहास रचते हुए 24 नवंबर 2014 को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान सफलतापूर्वक स्थापित किया था.
भारत के मंगल ग्रह पर पहले मिशन के बाद मंगलयान के कैमरे द्वारा इस लाल ग्रह की फोटो ली गई है. इस फोटो को अपनी उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों के लिए प्रसिद्ध नेशनल जियोग्राफिक मैगजीन के कवर पेज पर स्थान दिया गया है.
मैगजीन में मंगलयान की लगभग एक दर्जन तस्वीरों को जगह दी गई है. विशेषज्ञ स्वीकार करते हैं कि भारत के मंगलयान ने उम्दा तस्वीरें ली हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि मंगलयान से पहले के 50 से अधिक मिशन इतनी गुणवत्ता वाली संपूर्ण आकार की तस्वीरे लेने में सफल नहीं हुए.
भारत के मिशन की लागत 450 करोड़ रुपये थी. गौरतलब है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में तीन प्रमुख देशों के वर्चस्व को तोड़ते हुए भारत ने इतिहास रचते हुए 24 नवंबर 2014 को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान सफलतापूर्वक स्थापित किया था.
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