विज्ञापन
This Article is From Oct 08, 2017

CBI को RTI के दायरे में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सीबीआई को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे से बाहर रखने के केंद्र के 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. साथ ही मामले की जल्द सुनवाई की मांग भी की गई है.

CBI को RTI के दायरे में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली: सीबीआई को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे से बाहर रखने के केंद्र के 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. साथ ही मामले की जल्द सुनवाई की मांग भी की गई है. यह मामला पहले दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे शीर्ष न्यायालय भेज दिया गया. यह उस वक्त किया गया जब केंद्र ने कहा कि इस बाबत देश भर के कई उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की गई हैं.

यह भी पढ़ें :  सीबीआई को आरटीआई अधिनियम से पूरी तरह छूट नहीं मिल सकती: दिल्‍ली हाई कोर्ट

वकील अशोक अग्रवाल ने 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. अग्रवाल ने 2014 में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उच्च न्यायालय ने जुलाई 2011 में सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी किया था, क्योंकि वकील ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी को आरटीआई के दायरे से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि उन्होंने राजनीतिक तौर पर संवेदनशील बोफोर्स कमीशनखोरी मामले से जुड़े दस्तावेजों के बाबत जानकारी मांगी थी. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि सीबीआई को आरटीआई के तहत मिली छूट 'पूरी तरह से मिली छूट' नहीं है. इसमें न्यायिक दखल की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें : सीबीआई को RTI से बाहर रखने पर सरकार को नोटिस

याचिका में कहा गया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित खुफिया एवं सुरक्षा संगठनों को आरटीआई से छूट दी गई है. जब एजेंसी ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित इनसे जुड़े एक ही तरह के मामलों को उच्चतम न्यायालय में भेजने की याचिका दायर की तो दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही पर रोक लग गई. 

VIDEO: सीबीआई की जांच कमज़ोर : सुदीप श्रीवास्तव


क्वात्रोच्ची को बचाना था मकसद
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ताजा अर्जी में अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने अधिसूचना इसलिए जारी की ताकि बोफोर्स मामले के बाबत मुख्य सूचना आयुक्त, नई दिल्ली के समक्ष लंबित आरटीआई अपील को बाधित किया जा सके. याचिका में कहा गया कि इस मामले में सीआईसी ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता को जरूरी कागजात मुहैया कराए. अपनी याचिका में अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पिछली यूपीए सरकार के फैसले का मकसद 'बोफोर्स घोटाले में मुख्य आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोच्ची को बचाना था'.  

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
CBI, RTI
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
CBI को RTI के दायरे में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com