उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा CAA के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी सम्पतियों को नुकसान पहुंचाने वालों से रिकवरी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिका को परवेज़ आरिफ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले को चुनौती दी है. याचिका में रिकवरी के नोटिस को रद्द करने की मांग की गई. याचिका में यह भी मांग की गई कि प्रदर्शन के दौरान जो घटनाएं हुई हैं उसकी न्यायिक जांच हो. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ की घटनाओं की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से ही वसूली कर रही है. सीएम योगी ने प्रदर्शन के बाद ऐलान किया था कि तोड़फोड़ करने वालों से ही इसकी भरपाई की जाएगी.
वहीं गुरुवार को भी मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं फिर इस मंच से कहूंगा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देना सब का अधिकार है. लेकिन, कोई सार्वजनिक संपत्ति को, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जलायेगा, तोड़फोड़ करेगा तो हम उसकी संपत्ति से वसूली करके ले लेंगे और आगे के लिए हम उनको वह सजा देंगे कि आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करेगी कि कैसे कार्य होते हैं. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कीमत क्या होती है इसके बारे में उनको 10 बार सोचना पड़ेगा.''
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आपको बता दें कि नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में उत्तर प्रदेश के लखनऊ सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं. जिसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
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