संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गैरजरूरी यात्राओं में कटौती करने को कहा, ताकि एक महीने तक चलने वाले सत्र में उनकी अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। मोदी ने मंत्रियों को संसद के दोनों सदनों में लंबित विधेयकों और नए विधायी प्रस्तावों के साथ तैयार रहने को भी कहा।
कैबिनेट के विस्तार के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने नव नियुक्त मंत्रियों के अपने अपने काम काज करने के बारे में भी उत्साहजनक बातें की।
उन्होंने अपने सहकर्मियों से यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर भी चर्चा की कि 24 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर को खत्म होने वाला सत्र सरकार के लिए सुगम रूप से चले, जिस दौरान उसके ज्यादातर पुराने विधेयक और कुछ अहम नए विधेयक पारित कराने की योजना है।
उन्होंने मंत्रियों को सलाह दी कि प्रश्न काल में पूछे जाने वाले सवालों का जवाब अच्छी तरह से वे तैयार करके आएं।
समझा जाता है कि मोदी ने मंत्रियों से छुट्टी नहीं लेने को कहा है और कहा कि सार्वजनिक अवकाश के दिन भी उन्हें काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मोदी का मुख्य जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि संसद का कामकाज बगैर किसी बाधा के चले क्योंकि बजट सत्र के दौरान संसद का सत्र कई बार बाधित हुआ था। प्रधानमंत्री ने इस मौके का उपयोग राज्यमंत्रियों को यह दिलाने के लिए भी किया कि उन्हें अपने मंत्रियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यमंत्रियों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए और कैबिनेट मंत्री को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे मंत्रिपरिषद में अपने कनिष्ठ सहकर्मियों से नियमित रूप से मिलें।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद की दो घंटे की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कैबिनेट की 20 मिनट लंबी बैठक की भी अध्यक्षता की। मोदी ने मंत्रियों से संबद्ध विभागों को प्रभावी रूप से काम करने का निर्देश देने और सत्र शुरू होने तक विधेयक तैयार करने को कहा। उन्होंने मंत्रियों को पुराने लंबित विधेयक को पूरा करने पर ध्यान देने को भी कहा।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजु के दौरे पर होने के चलते वे बैठक में शरीक नहीं हो सके। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनंत गीते भी इस बैठक मौजूद थे।
वहीं एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि कुल 67 विधेयक, राज्यसभा में 59 ओर लोकसभा में आठ विधेयक लंबित हैं। सरकार कम से कम 30 से 35 विधेयक पारित कराने की कोशिश करेगी।
इस बीच, कांग्रेस ने मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए उन पर आरोप लगाया है कि सरकार में दागी मंत्रियों को शामिल किया जाना अपराधी मुक्त संसद के उनके चुनावी वादे के खिलाफ है। ऐसे संकेत है कि आगामी सत्र में कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए इस मुद्दे को जोर शोर से उठाएगी।
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