Pegasus Scandal: पेगासस सॉफ्टवेयर द्वारा नेताओं, मंत्रियों, मीडियाकर्मियों की फोन हैकिंग का मामला न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी तूल पकड़ने लगा है. फ्रांस (France) सरकार ने तो कथित तौर पर मीडिया कर्मियों की जासूसी की मामले में जांच शुरू करने का फैसला भी किया है. फ्रांसीसी जांचकर्ता 10 विभिन्न आरोपों को लेकर इस जांच को आगे बढ़ाएंगे. इसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या पेगासस मॉलवेयर (Pegasus malware) के जरिये प्राइवेसी में सेंध लगाई गई. आरोप हैं कि मोरक्को की खुफिया एजेंसी ने फ्रांसीसी पत्रकारों की पेगासस के जरिये जासूसी की थी.
Pegasus : आखिर कैसे होता है यूजर्स का फोन हैक और कैसे जासूसी करता है ये सॉफ्टवेयर
फ्रांसीसी राजधानी पेरिस में मंगलवार को अभियोजकों ने कहा कि उन्होंने मोरक्को खुफिया एजेंसी के खिलाफ आरोपों को लेकर जांच शुरू कर दी है. इसमें कथित तौर पर इजरायली सुरक्षा समूह एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर के जरिये इस निगरानी को अंजाम दिया गया. जांचकर्ता पता लगाएंगे कि क्या लोगों की प्राइवेसी, धोखाधड़ी के जरिये निजी इलेक्ट्रानिक उपकरणों तक पहुंच बनाई गई औऱ क्या इसके पीछे कोई आपराधिक गठजोड़ है.
खुफिया वेबसाइट मीडियापार्ट ने इसको लेकर सोमवार को एक केस दर्ज कराया था. खोजी अखबार ले कैनार्ड भी इसी तरह का मुकदमा दायर करने वाला है. हालांकि मोरक्को (Morocco) सरकार ने ऐसे किसी दावे को नकार दिया है. वाशिंगटन पोस्ट, ले मोंडे, गार्डियन समेत तमाम मीडिया संगठनों ने मिलकर फोन नंबरों की एक लीक सूची के आधार पर यह खुलासा किया है कि दुनिया भर में NSO Group के पेगासस मॉलवेयर के जरिये बड़े पैमाने पर जासूसी को अंजाम दिया गया. कहा जा रहा है कि यह पहले की सोच के मुकाबले काफी बड़ा जासूसी स्कैंडल है.
गौरतलब है कि भारत में भी बड़े पैमाने पर कारोबारियों, नेताओं, मंत्रियों और मीडियाकर्मियों को इस फोन हैकिंग केजरिये निशाना बनाए जाने का आरोप है. हालांकि सरकार इन आरोपों को सिरे से नकार चुकी है. लेकिन संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहा है.
सवाल इंडिया का : पत्रकारों की जासूसी पर बवाल
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं