एम्स (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गत 31 जुलाई को एक सर्जरी के सीधे प्रसारण के दौरान 62-वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई। इस मरीज का एक जापानी सर्जन ऑपरेशन कर रहा था, लेकिन इस दौरान उत्पन्न हुई जटिलताओं से उसकी मौत हो गई।
शोभाराम लिवर सिरोसिज और लिवर कैंसर से पीड़ित थे। डॉक्टरों ने उन्हें लैप्रोस्कोपिक लिवर रिसेक्शन प्रदर्शन के लिए चुना था। उन्हें हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के बाद लिवर सिरोसिज हो गया था। दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल से उन्हें एम्स रेफर किया गया था।
सर्जरी 31 जुलाई को सुबह नौ बजे शुरू हुई थी और इसका कुछ सर्जनों के लिए सीधा प्रसारण किया जा रहा था। जापान के टोक्यो मेट्रोपॉलिटन कैंसर एंड इन्फेक्शस डिसीज सेंटर के डॉक्टर गोरो होंडा यह ऑपरेशन कर रहे थे। होंडा ने सात घंटे तक लैप्रोस्कोपिक तकनीक जारी रखी। इसके बाद खून का काफी बहाव हो गया और मरीज को आईसीयू में ले जाया गया, जहां डेढ़ घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई।
शोभाराम लिवर सिरोसिज और लिवर कैंसर से पीड़ित थे। डॉक्टरों ने उन्हें लैप्रोस्कोपिक लिवर रिसेक्शन प्रदर्शन के लिए चुना था। उन्हें हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के बाद लिवर सिरोसिज हो गया था। दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल से उन्हें एम्स रेफर किया गया था।
सर्जरी 31 जुलाई को सुबह नौ बजे शुरू हुई थी और इसका कुछ सर्जनों के लिए सीधा प्रसारण किया जा रहा था। जापान के टोक्यो मेट्रोपॉलिटन कैंसर एंड इन्फेक्शस डिसीज सेंटर के डॉक्टर गोरो होंडा यह ऑपरेशन कर रहे थे। होंडा ने सात घंटे तक लैप्रोस्कोपिक तकनीक जारी रखी। इसके बाद खून का काफी बहाव हो गया और मरीज को आईसीयू में ले जाया गया, जहां डेढ़ घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई।
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