एसपी सलविंदर सिंह का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पठानकोट आतंकी हमले के बाद लगातार शक के घेरे में चल रहे गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह इस वक़्त दिल्ली में एनआईए ऑफ़िस में हैं। पठानकोट हमले को लेकर एनआईए उनसे पूछताछ करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट भी हो सकता है। बार-बार बदलते बयानों की वजह से सलविंदर पर सवाल उठ रहे हैं।
इससे पहले एनआईए ने कई बार सलविंदर सिंह, उनके कुक मदन गोपाल और दोस्त राजेश वर्मा से पूछताछ की है। पठानकोट एयरबेस पर हमले से पहले आतंकियों ने एसपी सलविंदर को अगवा किया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन उनकी गाड़ी और मोबाइल साथ ले गए।
क्या है पूरा मामला...
दरअसल, पठानकोट आतंकी हमले के बाद एसपी सलविंदर सिंह ने कहा था कि उन्हें आतंकवादियों ने अगवा किया था। आतंकवादियों ने उन्हें घने जंगल में फेंक दिया और उनकी नीली बत्ती लगी आधिकारिक एसयूवी लेकर फरार हो गए थे। बाद में आतंकी इसी एसयूवी में सवार होकर पठानकोट पहुंचे। एसपी की वह एसयूवी पठानकोट में वायुसेना ठिकाने से करीब 1.5 किमी दूर पाई गई थी।
जांचकर्ताओं के अनुसार, एसपी के बयानों में बहुत ज्यादा विरोधाभास है। उन्होंने कई बार अपने बयान बदले हैं, जिसमें उन्होंने आतंकियों की संख्या बार-बार अलग-अलग बताई है। एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते उनके पास पहले से ही आतंकियों की घुसपैठ की खुफिया सूचना थी। उसी शाम पंजाब पुलिस ने आतंकी हमले की आशंका जताते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को रात में निगरानी रखने के निर्देश दिए थे।
वहीं, सलविंदर सिंह का कहना है कि जिस समय उनका अपहरण किया गया, उस समय वे पठानकोट के एक स्थानीय मंदिर में पूजा करके गुरदासपुर लौट रहे थे, लेकिन गुरुवार देर रात अपने एक ज्वेलर दोस्त और कुक के साथ उनके भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास बिना सुरक्षागार्ड के जाना संदेह के घेरे में है।
इससे पहले एनआईए ने कई बार सलविंदर सिंह, उनके कुक मदन गोपाल और दोस्त राजेश वर्मा से पूछताछ की है। पठानकोट एयरबेस पर हमले से पहले आतंकियों ने एसपी सलविंदर को अगवा किया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन उनकी गाड़ी और मोबाइल साथ ले गए।
क्या है पूरा मामला...
दरअसल, पठानकोट आतंकी हमले के बाद एसपी सलविंदर सिंह ने कहा था कि उन्हें आतंकवादियों ने अगवा किया था। आतंकवादियों ने उन्हें घने जंगल में फेंक दिया और उनकी नीली बत्ती लगी आधिकारिक एसयूवी लेकर फरार हो गए थे। बाद में आतंकी इसी एसयूवी में सवार होकर पठानकोट पहुंचे। एसपी की वह एसयूवी पठानकोट में वायुसेना ठिकाने से करीब 1.5 किमी दूर पाई गई थी।
जांचकर्ताओं के अनुसार, एसपी के बयानों में बहुत ज्यादा विरोधाभास है। उन्होंने कई बार अपने बयान बदले हैं, जिसमें उन्होंने आतंकियों की संख्या बार-बार अलग-अलग बताई है। एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते उनके पास पहले से ही आतंकियों की घुसपैठ की खुफिया सूचना थी। उसी शाम पंजाब पुलिस ने आतंकी हमले की आशंका जताते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को रात में निगरानी रखने के निर्देश दिए थे।
वहीं, सलविंदर सिंह का कहना है कि जिस समय उनका अपहरण किया गया, उस समय वे पठानकोट के एक स्थानीय मंदिर में पूजा करके गुरदासपुर लौट रहे थे, लेकिन गुरुवार देर रात अपने एक ज्वेलर दोस्त और कुक के साथ उनके भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास बिना सुरक्षागार्ड के जाना संदेह के घेरे में है।
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