कोरोनावायरस (Coronavirus Pandemic) के बीच संसद का मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) शुरू हो रहा है. बदले-बदले मॉनसून सत्र में इस बार बहुत से बुजुर्ग सांसद सत्र में शायद ही हिस्सा लें. संसद के दोनों सदनों के कुल 785 सदस्यों में से 200 सांसद 65 साल की उम्र स ऊपर की आयु के हैं, वहीं कम से कम सात केंद्रीय मंत्री दो दर्जन सांसद कोविड-19 के संक्रमण में आ चुके हैं, जिसके बाद संसद के मॉनसून सत्र पर कोविड की छाया पड़ी हुई है.
बता दें कि 14 सितंबर से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. इसके लिए सदन में कोविड-19 गाइ़डलाइंस के तहत सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता बनाई गई है. इसे लेकर कई वरिष्ठ सांसदों ने 17 दिनों तक वाले सत्र के लिए एक ही जगह पर बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि सत्र शुरू हो ता है तो संसद परिसर में हर वक्त कम से कम 2,000 लोग तो मौजूद रहेंगे ही.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा के 240 सांसदों में से 97 सांसद 65 साल से ज्यादा है, वहीं 20 ऐसे सांसद हैं, जिनकी उम्र 80 साल के ऊपर है, जिसमें 87 साल के मनमोहन सिंह और 82 साल के एके एंटनी का नाम शामिल है.
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आठ सितंबर को राज्यसभा की वेबसाइट पर डाले गए आंकड़ों के मुताबिक, सांसदों की औसत उम्र 63.3 है. लोकसभा में 130 सांसद हैं, जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा है, वहीं 30 सांसद ऐस हैं, जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है. वहीं एक सांसद की उम्र 90 साल है. दिलचस्प यह है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक, नागरिकों की औसत उम्र 27.8 साल है.
मामला काफी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि सात केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों को मिलाकर लगभग दो दर्जन सांसद अबतक कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं. यहां तक कि लोकसभा के एक सांसद की कोरोना से मौत भी हो चुकी है, वहीं कुछ सांसदों के परिवार में किसी की मौत हुई है और ऐसे वो यात्रा करने से बचना चाहते हैं.
बता दें कि इस बार भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार लोकसभा के सांसद राज्यसभा में और राज्यसभा के सांसद लोकसभा में बैठेंगे. सभी सांसदों, अधिकारियों और पत्रकारों का तीन दिनों पहले कोविड टेस्ट होगा और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही वो संसद परिसर में एंट्री कर पाएंगे. कई सांसदों को लगता है कि 2000 लोगों, जिसमें सुरक्षाकर्मी, अधिकारी, पत्रकार और दूसरे कई अन्य लोगों का दो हफ्तों तक परिसर में आना-जाना संभालना बहुत बड़ा टास्क होगा. केंद्र की मोदी सरकार के एक मंत्री ने संसद परिसर में लगे एसी सिस्टम को खतरनाक बताया है क्योंकि इसमें ऑटोमेटिक वेंटिलेटिंग सिस्टम नहीं है.
Video: सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र
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