मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ.
चंडीगढ़:
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की कि वे कमलनाथ को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहें. बादल 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिए इस्तीफा चाहते हैं. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को कमलनाथ के खिलाफ 'मामले की गंभीरता को समझना चाहिए था' जब पार्टी ने 2016 में उन्हें पंजाब मामलों के प्रभारी के पद से 'हटाया' था.
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उन्होंने कहा कि कानून के लंबे हाथों ने अब कांग्रेस के 'रसूखदार और शक्तिशाली' लोगों की गर्दन पर अंतत: अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बादल ने कहा, 'सज्जन कुमार को सजा के साथ ही इस बात का रास्ता साफ हो गया है कि कानून कमलनाथ और जगदीश टाइटलर पर अब सख्ती दिखाए.' 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को सजा मिलने पर बादल ने कहा कि अदालत के फैसले से लोगों को व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा और उनके दिलों में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी खासकर अल्पसंख्यकों में जिन्हें व्यवस्था में अपने साथ भेदभाव महसूस होता था.
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बता दें कि 1984 में सिख विरोधी दंगों में अपना नाम उठाये जाने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा था कि उनके खिलाफ इस मामले में कोई केस, कोई चार्जशीट नहीं है और राजनीति के चलते लोग अब उनका नाम इसमें ले रहे हैं. मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने दिल्ली में 1984 में सिख विरोधी दंगों में उनके शामिल होने के भाजपा के आरोप पर कहा था, 'मैंने आज शपथ ली है. मैंने 1991 में भी शपथ ली थी, तब किसी ने कुछ कहा. मैंने उसके बाद कई दफा शपथ ली, किसी ने कुछ नहीं कहा. कोई केस मेरे खिलाफ नहीं है, कोई एफआईआर मेरे खिलाफ नहीं है, कोई चार्जशीट मेरे खिलाफ नहीं है. मैं दिल्ली का प्रभारी रहा. जब मैं महामंत्री रहा कांग्रेस का, किसी ने कोई बात नहीं उठाई. क्यों आज ये बात उठाई गई. मुझे पता है, इसमें क्या राजनीति है.'
VIDEO: कमलनाथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
(इनपुट: भाषा)
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उन्होंने कहा कि कानून के लंबे हाथों ने अब कांग्रेस के 'रसूखदार और शक्तिशाली' लोगों की गर्दन पर अंतत: अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बादल ने कहा, 'सज्जन कुमार को सजा के साथ ही इस बात का रास्ता साफ हो गया है कि कानून कमलनाथ और जगदीश टाइटलर पर अब सख्ती दिखाए.' 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को सजा मिलने पर बादल ने कहा कि अदालत के फैसले से लोगों को व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा और उनके दिलों में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी खासकर अल्पसंख्यकों में जिन्हें व्यवस्था में अपने साथ भेदभाव महसूस होता था.
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बता दें कि 1984 में सिख विरोधी दंगों में अपना नाम उठाये जाने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा था कि उनके खिलाफ इस मामले में कोई केस, कोई चार्जशीट नहीं है और राजनीति के चलते लोग अब उनका नाम इसमें ले रहे हैं. मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने दिल्ली में 1984 में सिख विरोधी दंगों में उनके शामिल होने के भाजपा के आरोप पर कहा था, 'मैंने आज शपथ ली है. मैंने 1991 में भी शपथ ली थी, तब किसी ने कुछ कहा. मैंने उसके बाद कई दफा शपथ ली, किसी ने कुछ नहीं कहा. कोई केस मेरे खिलाफ नहीं है, कोई एफआईआर मेरे खिलाफ नहीं है, कोई चार्जशीट मेरे खिलाफ नहीं है. मैं दिल्ली का प्रभारी रहा. जब मैं महामंत्री रहा कांग्रेस का, किसी ने कोई बात नहीं उठाई. क्यों आज ये बात उठाई गई. मुझे पता है, इसमें क्या राजनीति है.'
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(इनपुट: भाषा)
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