शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से पार्टी की नेता हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) के इस्तीफे को 'साहसिक, ऐतिहासिक और सैद्धांतिक' रुख बताया. साथ ही, यह भी कहा कि अकाली ऐसे किसी भी कदम का समर्थन नहीं कर सकते जो किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाते हों. हरसिमरत ने तीन कृषि विधेयकों के विरोध में बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. वह नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) में SAD से एकमात्र मंत्री थीं. ये विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पारित हुए थे.
किसानों के लिए न्याय का झंडा बुलंद करने को लेकर अपनी पार्टी की प्रशंसा करते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘‘यदि किसान और कृषि अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है तो व्यापार एवं उद्योग समेत देश की पूरी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी.'' कृषि विधेयकों के खिलाफ SAD के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए बादल ने एक बयान में कहा, 'एक अकाली के लिए पद का लालच कोई मायने नहीं रखता. अन्याय के खिलाफ चुप रहने के बजाय हमने आपातकाल (इमरजेंसी) के दौरान भी अनगिनत बार सत्ता के प्रस्तावों को ठुकराया है.'
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उन्होंने कहा, 'हमने हमेशा इस तरह के प्रस्ताव ठुकरा दिए और देश एवं सिद्धांतों के साथ खड़े रहना पसंद किया और उसके लिए जेल भरी. ये परंपरा हमेशा जारी रहेगी.' पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के साथ खड़े होने और केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर होने के SAD के फैसले को पार्टी के इतिहास में एक गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण करार दिया.
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