गोविंद पानसरे (फाइल फोटो)
मुंबई:
कॉमरेड गोविंद पानसरे हत्याकांड की जाच कर रही एसआईटी की मुश्किल बढ़ गई है। उसने टेलीफोन पर बातचीत के आधार पर समीर गायकवाड़ को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन जांच उसके आगे एक इंच भी नही बढ़ पाई है।
समीर गायकवाड़ के खिलाफ ठोस सबूत नहीं
कॉमरेड गोविंद पानसरे की हत्या के आरोपी समीर गायकवाड़ की गिरफ्तारी को एक सप्ताह से ज्यादा होने के बावजूद पुलिस अभी तक हत्या में उसकी भूमिका के ठोस सुराग नहीं खोज पाई है। बुधवार को पुलिस ने ही अदालत में माना कि पानसरे की हत्या के दिन समीर गायकवाड़ कोल्हापुर से सैकड़ों मील दूर ठाणे में था। यही नहीं, हत्या में शामिल दूसरे शख्स का भी कुछ पता नही चला है। इसके अलावा हत्या में इस्तेमाल बंदूक और मोटरसाइकिल का भी पता नहीं चला है।
इस मामले में कोई अन्य गिरफ्तारी भी नही हो पाई है। पुलिस की जांच अब भी समीर गायकवाड़ के पास से मिले 23 मोबाइल हैंडसेट और 31 सिमकार्ड पर ही अटकी है। सरकारी वकील चंद्रकांत बुधले का कहना है कि सरकारी वकील समीर के पास से मिले मोबाइल हैंडसेट और सिमकार्ड से डेटा संकलन का काम चल रहा है।
सनातन संस्था के हौसले बुलंद
दूसरी तरफ बचाव पक्ष के हौसले बुलंद हैं। समीर के बचाव में कोल्हापुर की अदालत में गुरुवार को सनातन संस्था की तरफ से वकीलों की फौज हाजिर थी। महाराष्ट्र ,कर्नाटक और गोवा से कुल 31 वकील पहुंचे थे। सनातन संस्था लीगल सेल के प्रमुख वकील संजीव पुनालेकर ने गुरुवार को कोल्हापुर में एक पत्रकार परिषद में माना कि समीर गायकवाड़ पूर्णकालिक साधक था। लेकिन साथ में यह भी दावा किया कि हमने खुद अपनी तरफ से तहकीकात की और हम कहते हैं कि वह निर्दोष है। पुनालेकर ने गोवा धमाके के फरार आरोपी रुद्र पाटिल से भी आव्हान किया कि वह छुपने की बजाय समर्पण कर दे। हम उसे कानूनी सहायता देंगे।
इस बीच एसआईटी अब समीर गायकवाड़ की आवाज की जांच कराने का दावा कर रही है। लेकिन बचाव पक्ष का कहना है कि अपराध साबित करने के लिए सबूतों की दरकार होती है जो एसआईटी अब तक जुटा नहीं पाई है।
पानसरे हो, नरेंद्र दाभोलकर या फिर कलबुर्गी ...जांच एजेंसियों को पूरा यकीन है कि तीनों हत्याओं के पीछे एक ही ग्रुप का हाथ है। इसलिए सीबीआई से लेकर कर्नाटक पुलिस भी समीर से पूछताछ कर रही है, लेकिन जांच है कि आगे बढ़ ही नहीं पा रही।
समीर गायकवाड़ के खिलाफ ठोस सबूत नहीं
कॉमरेड गोविंद पानसरे की हत्या के आरोपी समीर गायकवाड़ की गिरफ्तारी को एक सप्ताह से ज्यादा होने के बावजूद पुलिस अभी तक हत्या में उसकी भूमिका के ठोस सुराग नहीं खोज पाई है। बुधवार को पुलिस ने ही अदालत में माना कि पानसरे की हत्या के दिन समीर गायकवाड़ कोल्हापुर से सैकड़ों मील दूर ठाणे में था। यही नहीं, हत्या में शामिल दूसरे शख्स का भी कुछ पता नही चला है। इसके अलावा हत्या में इस्तेमाल बंदूक और मोटरसाइकिल का भी पता नहीं चला है।
इस मामले में कोई अन्य गिरफ्तारी भी नही हो पाई है। पुलिस की जांच अब भी समीर गायकवाड़ के पास से मिले 23 मोबाइल हैंडसेट और 31 सिमकार्ड पर ही अटकी है। सरकारी वकील चंद्रकांत बुधले का कहना है कि सरकारी वकील समीर के पास से मिले मोबाइल हैंडसेट और सिमकार्ड से डेटा संकलन का काम चल रहा है।
सनातन संस्था के हौसले बुलंद
दूसरी तरफ बचाव पक्ष के हौसले बुलंद हैं। समीर के बचाव में कोल्हापुर की अदालत में गुरुवार को सनातन संस्था की तरफ से वकीलों की फौज हाजिर थी। महाराष्ट्र ,कर्नाटक और गोवा से कुल 31 वकील पहुंचे थे। सनातन संस्था लीगल सेल के प्रमुख वकील संजीव पुनालेकर ने गुरुवार को कोल्हापुर में एक पत्रकार परिषद में माना कि समीर गायकवाड़ पूर्णकालिक साधक था। लेकिन साथ में यह भी दावा किया कि हमने खुद अपनी तरफ से तहकीकात की और हम कहते हैं कि वह निर्दोष है। पुनालेकर ने गोवा धमाके के फरार आरोपी रुद्र पाटिल से भी आव्हान किया कि वह छुपने की बजाय समर्पण कर दे। हम उसे कानूनी सहायता देंगे।
इस बीच एसआईटी अब समीर गायकवाड़ की आवाज की जांच कराने का दावा कर रही है। लेकिन बचाव पक्ष का कहना है कि अपराध साबित करने के लिए सबूतों की दरकार होती है जो एसआईटी अब तक जुटा नहीं पाई है।
पानसरे हो, नरेंद्र दाभोलकर या फिर कलबुर्गी ...जांच एजेंसियों को पूरा यकीन है कि तीनों हत्याओं के पीछे एक ही ग्रुप का हाथ है। इसलिए सीबीआई से लेकर कर्नाटक पुलिस भी समीर से पूछताछ कर रही है, लेकिन जांच है कि आगे बढ़ ही नहीं पा रही।
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