पंपोर मुठभेड़ : 24 घंटे से ज़्यादा बीते, अब भी सरकारी इमारत में छिपे हुए हैं आतंकवादी

पंपोर मुठभेड़ : 24 घंटे से ज़्यादा बीते, अब भी सरकारी इमारत में छिपे हुए हैं आतंकवादी

खास बातें

  • श्रीनगर के पास पाम्पोर में सरकारी इमारत में सोमवार से छिपे हैं आतंकवादी
  • इसी इमारत पर फरवरी, 2016 में भी आतंकी हमला हुआ था
  • गोलीबारी जारी है, सोमवार को एक जवान घायल हुआ था
श्रीनगर:

जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से लगभग 15 किलोमीटर दूर पंपोर में एक सरकारी इमारत में छिपे हुए आतंकवादियों से मुठभेड़ पूरा दिन बीत जाने के बाद भी जारी है. युवा कश्मीरियों को वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए बनाई गई इस इमारत और उसके आसपास के इलाके से नियमित रूप से गोलीबारी तथा धमाकों की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं.

सोमवार को शुरुआती गोलीबारी में सेना का एक जवान ज़ख्मी हो गया था. यहां दी गई जानकारी कुछ विलंब के साथ दी जा रही है, ताकि आतंकवादियों से मुकाबला कर रहे सुरक्षाबलों की सुरक्षा को कोई खतरा उत्पन्न न हो.

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ इतने लंबे वक्त तक इसलिए खिंच गई है, क्योंकि इस इमारत में आतंकवादियों को छिपने के लिए 'बंकर' जैसी सुरक्षा मिल रही है. यह भी लगता है कि उनके पास काफी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद है, और उनके इरादे यहीं टिके रहने और मुठभेड़ को लंबा खींचने के लगते हैं.

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों के कब्ज़े में कोई बंधक नहीं हैं, क्योंकि राज्य में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से व्याप्त तनाव के माहौल की वजह से इमारत में पिछले तीन महीने से कोई क्लास नहीं लगाई जा रही थी.

केसर की खेती के लिए मशहूर पाम्पोर में सोमवार को सुबह 6:30 बजे आतंकवादी इस इमारत में घुसे थे. इसी इंस्टीट्यूट में फरवरी में भी बड़ा हमला हुआ था, और उस हमले में ढेर कर दिए गए तीन आतंकवादियों के अलावा पांच सैनिक शहीद हुए थे, और एक नागरिक भी मारा गया था.

भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स, अर्द्धसैनिक बल और आतंकवाद-विरोधी पुलिस की यूनिटों ने इमारत को सोमवार को ही चारों तरफ से घेर लिया था.

सूत्रों ने बताया था कि सोमवार सुबह इमारत में घुसे आतंकवादी झेलम नदी में नाव के ज़रिये कश्मीर में घुसने में कामयाब हुए थे. पुलिस के मुताबिक, इसके बाद आतंकवादियों ने उद्यमी विकास संस्थान (ईडीआई) होस्टल की इमारत के कुछ हिस्सों को आग लगा दी, ताकि सुरक्षाबलों का ध्यान इस ओर जाए. जैसे ही सुरक्षाबल वहां पहुंचे, भारी मुठभेड़ शुरू हो गई.

ऑपरेशन की देखरेख कर रहे एक सेनाधिकारी ने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि जल्द ही हम आतंकवादियों पर काबू पा लेंगे..."

खुफिया एजेंसियों ने चेताया था कि दो हफ्ते पहले भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार पाक अधिकृत कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के लिए आतंकवादी हमले किए जा सकते हैं.


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