राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में फिल्म 'पद्मावत' को लेकर संकेतों में भाईचारा बनाए रखने की बात कही.
नई दिल्ली:
गणतंत्र दिवस से ठीक पहले 'पद्मावत' फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन और विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उदारतावाद और भाईचारा पर जोर दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फिल्म को लेकर चल रहे विवाद पर संकेतों में अपनी बात कही और लोगों को एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करते हुए उदारता बरतने का संदेश दिया.
देश के 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "त्योहार मनाते हुए, विरोध प्रदर्शन करते हुए या किसी और अवसर पर, हम अपने पड़ोसी की सुविधा का ध्यान रखते हैं. किसी दूसरे नागरिक की गरिमा और निजी भावना का उपहास किए बिना, किसी के नजरिए से या इतिहास की किसी घटना के बारे में भी, हम असहमत हो सकते हैं. ऐसे उदारतापूर्ण व्यवहार को ही, भाईचारा कहते हैं."
VIDEO : किसी की भावनाएं आहत नहीं करती फिल्म
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में "कानून के शासन" के महत्व पर भी जोर दिया. राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे संविधान निर्माता बहुत दूरदर्शी थे. वे "कानून का शासन" और "कानून द्वारा शासन" के महत्व और गरिमा को भलीभांति समझते थे. वे हमारे राष्ट्रीय जीवन के एक अहम दौर के प्रतिनिधि थे. हम सौभाग्यशाली हैं कि उस दौर ने हमें संविधान और गणतंत्र के रूप में अनमोल विरासत दी है."
देश के 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "त्योहार मनाते हुए, विरोध प्रदर्शन करते हुए या किसी और अवसर पर, हम अपने पड़ोसी की सुविधा का ध्यान रखते हैं. किसी दूसरे नागरिक की गरिमा और निजी भावना का उपहास किए बिना, किसी के नजरिए से या इतिहास की किसी घटना के बारे में भी, हम असहमत हो सकते हैं. ऐसे उदारतापूर्ण व्यवहार को ही, भाईचारा कहते हैं."
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राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में "कानून के शासन" के महत्व पर भी जोर दिया. राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे संविधान निर्माता बहुत दूरदर्शी थे. वे "कानून का शासन" और "कानून द्वारा शासन" के महत्व और गरिमा को भलीभांति समझते थे. वे हमारे राष्ट्रीय जीवन के एक अहम दौर के प्रतिनिधि थे. हम सौभाग्यशाली हैं कि उस दौर ने हमें संविधान और गणतंत्र के रूप में अनमोल विरासत दी है."