यह ख़बर 24 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

जब कोयला निकाला ही नहीं गया तो नुकसान कैसा : सरकार

खास बातें

  • कोयला आवंटन पर संसद में जारी विपक्ष के हंगामे के बीच आज सरकार ने अपने तीन मंत्री मैदान में उतारकर विपक्ष के आरोपों की हवा निकालने की कोशिश की।
नई दिल्ली:

कोयला आवंटन पर संसद में जारी विपक्ष के हंगामे के बीच आज सरकार ने अपने तीन मंत्री मैदान में उतारकर विपक्ष के आरोपों की हवा निकालने की कोशिश की। कोयलामंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कोयला आवंटन घोटाले के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा है कि जब इन खदानों से कोयला निकाला ही नहीं गया तो नुकसान हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार 1993 से जारी कोल पॉलिसी का ही पालन कर रही है।

गौरतलब है कि कोयला आवंटन में कथित घोटाले को लेकर आज भी संसद में कामकाज नहीं हो सका और भारी हंगामे के चलते कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करनी पड़ी। बीजेपी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है, हालांकि सरकार बार-बार कह रही है कि विपक्ष सदन को चलने दे और कोयला आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट पर बहस के लिए आगे आए।

इस मामले पर वित्तमंत्री चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी संसद को चलने देना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि बीजेपी सदन में बहस नहीं चाहती, जिससे हम निराश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सीएजी रिपोर्ट सहित किसी भी विषय पर सदन में बातचीत के लिए तैयार है। इस मुद्दे पर पीएम संसद में अपना बयान देना चाहते हैं।

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वहीं सलमान खुर्शीद ने कहा कि कैग रिपोर्ट में कई मुद्दों को नहीं देखा गया। कैग ने घाटे के जो आंकड़े दिए हैं, उनमें से कुछ हिस्सा ही कोल आवंटन से जुड़ा है इसलिए जब आप पूरी रिपोर्ट पढ़ेंगे तो पाएंगे कि वे ऐसा कुछ भी नहीं कह रहे जैसा कि बीजेपी बता रही है।