सीबीआई में दूसरे नंबर पर रहे स्पेशल निदेशक आरके दत्ता का तबादला गृह मंत्रालय में किया गया
नई दिल्ली:
सीबीआई के मौजूदा निदेशक अनिल सिन्हा का कार्यकाल शुक्रवार को ख़त्म हो रहा है. उनके बाद इतनी अहम एजेंसी की कमान शुक्रवार से किसके पास होगी? ये अब तक साफ़ नहीं है. क्योंकि सीबीआई में दूसरे नंबर पर रहे स्पेशल निदेशक आरके दत्ता का तबादला बुधवार रात केंद्रीय गृह मंत्रालय में कर दिया गया. अब वो वहां आतंकवद और टेरर फाइनेसिंग का काम देखेंगे.
ये पोस्ट संयुक्त आयुक्त की थी लेकिन अब इसे विशेष सचिव की बराबरी पर ला दिया गया है. माना जा रहा है कि आरके दत्ता को यहां लाने के लिए ये फ़ैसला किया गया. हालांकि एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक दत्ता का ट्रांसफर सप्रीम कोर्ट के निर्देश के ख़िलाफ़ है.
कोर्ट ने सीबीआई और सरकार को निर्देश दिए थे कि वो 2जी और कोल मामलों से जुड़े अफ़सरों का तबादला उसकी मंज़ूरी के बिना नहीं कर सकते. उधर दत्ता के ट्रांसफर के बाद अब सीबीआई में गुजरात काडर के 1984 बैच के राकेश अस्थाना सबसे सीनियर अफ़सर है. बताया जा रहा है की उन्हें कार्यवाहक निदेशक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है.
कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक़ अगले सीबीआई निदेशक के लिए 42 अफ़सरों की सूची तैयार की गई है इनमें एसएसबी की डीजी अर्चना रामा सुंदरम भी है जो कि 1980 बैच की हैं. दिल्ली के पुलिस कमिशनर आलोक वर्मा जो 1979 बैच के हैं.
आईटीबीपी के डीजी कृष्णा चौधरी जो भी 1979 बैच के है और महाराष्ट्र के डीजीपी सतीश माथुर है जो कि 1981 बैच के हैं. इन सब में से सिर्फ़ आलोक वर्मा को छो़ड़ सभी ने सीबीआई में काम किया है. एक बार नाम क्लीयर हो जाने के बाद उसे प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा.
कहने को सीबीआई स्वतंत्र बॉडी है और उसे सीवीसी को रिपोर्ट करना है, लेकिन अदालत भी उसे पिंजड़े में बंद तोता बता चुकी है. जाहिर है, सीबीआई निदेशक का पद सरकार के लिहाज से काफी अहम है और उसी अफ़सर की नियुक्ति होगी जिस पर सरकार को भरोसा होगा.
ये पोस्ट संयुक्त आयुक्त की थी लेकिन अब इसे विशेष सचिव की बराबरी पर ला दिया गया है. माना जा रहा है कि आरके दत्ता को यहां लाने के लिए ये फ़ैसला किया गया. हालांकि एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक दत्ता का ट्रांसफर सप्रीम कोर्ट के निर्देश के ख़िलाफ़ है.
कोर्ट ने सीबीआई और सरकार को निर्देश दिए थे कि वो 2जी और कोल मामलों से जुड़े अफ़सरों का तबादला उसकी मंज़ूरी के बिना नहीं कर सकते. उधर दत्ता के ट्रांसफर के बाद अब सीबीआई में गुजरात काडर के 1984 बैच के राकेश अस्थाना सबसे सीनियर अफ़सर है. बताया जा रहा है की उन्हें कार्यवाहक निदेशक के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है.
कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक़ अगले सीबीआई निदेशक के लिए 42 अफ़सरों की सूची तैयार की गई है इनमें एसएसबी की डीजी अर्चना रामा सुंदरम भी है जो कि 1980 बैच की हैं. दिल्ली के पुलिस कमिशनर आलोक वर्मा जो 1979 बैच के हैं.
आईटीबीपी के डीजी कृष्णा चौधरी जो भी 1979 बैच के है और महाराष्ट्र के डीजीपी सतीश माथुर है जो कि 1981 बैच के हैं. इन सब में से सिर्फ़ आलोक वर्मा को छो़ड़ सभी ने सीबीआई में काम किया है. एक बार नाम क्लीयर हो जाने के बाद उसे प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा.
कहने को सीबीआई स्वतंत्र बॉडी है और उसे सीवीसी को रिपोर्ट करना है, लेकिन अदालत भी उसे पिंजड़े में बंद तोता बता चुकी है. जाहिर है, सीबीआई निदेशक का पद सरकार के लिहाज से काफी अहम है और उसी अफ़सर की नियुक्ति होगी जिस पर सरकार को भरोसा होगा.
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