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This Article is From May 16, 2020

मधुमक्खी पालन से जुड़े ऐलान पर पी चिदंबरम का केंद्र सरकार से सवाल- वित्त मंत्री कृपया बताएं...

पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'हम आज अनुसंधान और संवाद पर एक श्रृंखला शुरू करेंगे. 1. व्यय बजट 2020-21 में पहले ही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लिए 2400 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुका है.'

मधुमक्खी पालन से जुड़े ऐलान पर पी चिदंबरम का केंद्र सरकार से सवाल- वित्त मंत्री कृपया बताएं...
पी. चिदंबरम ट्विटर के जरिए लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने एक बार फिर राहत पैकेज को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. चिदंबरम ने कुछ देर पहले एक के बाद एक तीन ट्वीट किए. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'हम आज अनुसंधान और संवाद पर एक श्रृंखला शुरू करेंगे. 1. व्यय बजट 2020-21 में पहले ही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लिए 2400 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुका है.' उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, '2. इसी तरह, पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के पैर और मुंह के बीमारी के खिलाफ लड़ाई पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसमें 5 साल के लिए 13,343 करोड़ रुपये और 2020-21 में 1300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.'

तीसरे ट्वीट में वह लिखते हैं, '3. वित्त मंत्री कृपया स्पष्ट कर सकती है कि कल घोषित की गई रकम (500 करोड़ रुपये और 13,343 करोड़ रुपये) व्यय बजट की संख्या में जमा की गई है या अतिरिक्त रकम है.'

इससे पहले पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, 'मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों के ऊपर MSMEs का 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है. मंत्री सीतारमण का कहना है कि वह MSMEs (45 लाख की संख्या) को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना जमानत ऋण देगी. तो, ऋणदाता कौन है और उधारकर्ता कौन है?'

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को राहत पैकेज की तीसरी किश्त के बारे में बताते हुए कहा था, 'पैकेज की तीसरी किश्त में कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों को राहत देने पर ध्यान दिया गया है. इसमें कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों में बुनियादी संरचना तथा क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा. पिछले दो महीनों में किसानों की मदद करने के लिए कई उपाय किए गए हैं. इनमें लॉकडाउन के दो महीनों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 74,300 करोड़ रुपये की खरीद भी शामिल है.'

उन्होंने आगे कहा, 'इसके साथ ही, पीएम किसान योजना के तहत 18,700 करोड़ रुपये की नकदी लाभार्थी किसानों को दी गई. वहीं फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया.' सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सहकारी समितियों द्वारा प्रतिदिन 360 लाख लीटर दूध की बिक्री के साथ 560 लाख लीटर प्रति दिन दूध की खरीद की गई.

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कुल 111 करोड़ लीटर की अतिरिक्त खरीद की गई, जिसके लिए 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया. इसके लिए डेयरी सहकारी समितियों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता योजना क्रियान्वयन में लाया गया. उन्होंने कहा कि ब्याज सहायता से दो करोड़ किसान लाभान्वित होंगे और इससे बाजार में 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी पहुंचेगी.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस सप्ताह के शुरू में कोरोनावायरस लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत) के पैकेज की घोषणा की थी. इसमें मार्च में घोषित तीन महीनों के लिए गरीबों को खाद्यान और नकदी सहित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विभिन्न मौद्रिक नीति उपायों के माध्यम से 5.6 लाख करोड़ रुपये का दिया गया प्रोत्साहन भी शामिल है.

सरकार इस पैकेज के तहत अब तक दो किस्तों में 9.1 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर चुकी है. इन घोषणाओं में लघु एवं छोटी इकाइयों के लिये ऋण सुविधाएं, किसानों को रियायती ऋण, एनबीएफसी और बिजली वितरकों को समर्थन आदि शामिल हैं. सरकार ने कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू किया है. अब तक लॉकडाउन की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है.

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