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This Article is From May 26, 2015

हमारी 13 लाख कर्मियों की मजबूत सेना ‘शांति का प्रवचन’ देने के लिए नहीं : मनोहर पर्रिकर

हमारी 13 लाख कर्मियों की मजबूत सेना ‘शांति का प्रवचन’ देने के लिए नहीं : मनोहर पर्रिकर
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: ‘आतंकवादियों को आतंकवादियों से ही खत्म करने’ की अपनी टिप्पणी पर उभरे विवाद से अविचलित रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जोर देकर कहा है कि वह भारत को सुरक्षित करने के लिए ‘किसी भी हद’ तक जाएंगे और हमला करने वालों को ‘उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा।'

पर्रिकर ने रेखांकित किया कि उनकी टिप्पणी से सिर्फ एक देश से तीखी प्रतिक्रिया हुई और उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि सवाल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी शिविरों पर उनकी प्रतिक्रिया पर था। ‘अत:, प्रतिक्रिया उसपर आधारित थी।’ उन्होंने कहा कि निष्क्रिय करने का मतलब सिर्फ हत्या करना नहीं है, बल्कि आतंकवादियों का पक्ष बदलना और आत्मसमर्पण कराना भी है।

रक्षामंत्री ने रेखांकित किया कि उनकी टिप्पणी सामान्य एवं व्यापक संदर्भ में है और किसी खास के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी का सिर्फ एक हिस्सा ही चुना गया और उसे उजागर किया गया।

पर्रिकर ने कहा, ‘बुनियादी तौर पर, अगर मुझे अपने देश की हिफाजत करनी है तो मैं किसी भी हद तक जाउंगा..जो भी करना होगा, किया जाएगा। यही बुनियादी उसूल है जो हर किसी का होना चाहिए।’ पर्रिकर ने कहा, ‘अगर कोई मेरे देश को नुकसान पहुंचाता है तो मुझे अग्र-सक्रिय कार्रवाई करनी होगी.. सेना का बुनियादी उद्देश्य यही है कि अगर कोई देश पर हमला करे तो, उसपर जवाबी हमला करो। उसे उसी की भाषा में जवाब दो।’ रक्षा मंत्री ने रेखांकित किया कि कोई 13 लाख कर्मियों की मजबूत सेना ‘शांति का प्रवचन’ देने के लिए नहीं रखता।

बहरहाल, उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मैंने नहीं कहा कि मैं गुप्त ऑपरेशन चलाने जा रहा हूं। मैंने इसके बारे में चर्चा नहीं की। जिस शख्स ने मुझसे सवाल किया उसने गुप्त ऑपरेशन की बात की। मैंने नहीं।’ उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर ने एक सवाल के जवब में कहा था, ‘हमें सिर्फ आतंकवादियों के माध्यम से ही आतंकवादियों को खत्म करना होगा। हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हमें ऐसा करना चाहिए।’ उनकी इस टिप्पणी पर पाकिस्तान से तीखी प्रतिक्रिया हुई जिसने कहा कि इससे आतंकवाद में भारत की संलिप्तता की आशंकाओं की पुष्टि होती है।

विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘यह बयान पाकिस्तान में आतंकवाद में भारत की संलिप्तता की पाकिस्तान की आशंकाओं की पुष्टि करता है। यह पहला मौका है जब किसी निर्वाचित सरकार का कोई मंत्री दूसरे देश या उसके राज्येतर संगठनों की तरफ से आतंकवाद को रोकने के बहाने उस देश में आतंकवाद के उपयोग की खुलेआम वकालत करता है।

पर्रिकर ने कहा, ‘किसी भी हद तक जाना मेरा फर्ज है। यह मेरी शपथ है जो मैंने ली है कि मैं संविधान की रक्षा करूंगा। संविधान की रक्षा का मतलब देश की रक्षा है। अत:, स्वाभाविक रूप से, देश की रक्षा के लिए कुछ खास चीजें करनी होंगी। मैं इसे परिभाषित नहीं करूंगा।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘निष्क्रिय शब्द का मतलब हमेशा हत्या करना नहीं होता। खात्मे का मतलब किसी व्यक्ति का आत्मसमर्पण करना, किसी को किसी के खिलाफ उपयोग करना होता है, यह शांतिपूर्ण माध्यम से भी किया जा सकता है। निष्क्रिय का मतलब वह आपके पक्ष में आए। उसका मतलब खुफियागिरी है।’

पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि अगर कोई उनकी तरफ गोली चलाना शुरू करता है तो ‘उसे मार डालो।’ रक्षामंत्री ने कहा, ‘मैंने सेना को कहा कि उन्हें हिचकिचाना नहीं चाहिए। कर्नल राय जैसे अपने लोगों को मत गंवाओ, जो इतने बहादुर सैनिक थे। मैं इस तरह के शानदार लोगों को नहीं खो सकता।’ उल्लेखनीय है कि कर्नल एमएन राय जनवरी में एक आतंकवादी के हाथों शहीद हुए जिसने सैनिकों से घिरने के बाद कहा था कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है। उसने मार गिराए जाने से पहले गोली चला कर कर्नल राय की हत्या कर डाली थी।

पर्रिकर ने कहा, ‘मेरे निर्देश स्पष्ट हैं। अपने कर्मी नहीं गंवाओ। मानवाधिकार के बारे में सतर्क रहो, अधिक क्षति के बारे में सतर्क रहो क्योंकि कई बार आप घनी आबादी वाले इलाके में संचालन कर रहे होते हैं। और हालांकि आप जानते हैं कि आबादी वाले इलाकों में भी आतंकवादी पनाह लेते हैं, असैनिकों को क्षति नहीं पहुंचाई जानी चाहिए।’

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