ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया। सरकार ने उस कानून को संशोधन करने के लिए अध्यादेश लागू किया है, जो मिश्रा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने से रोक सकता था। मिश्रा 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के हैं।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से आज जारी आदेश के मुताबिक मिश्रा की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक ही या फिर अगले आदेश तक रहेगी। मिश्रा 2006 से 2009 के बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में ही रिटायर हुए। 69 वर्षीय मिश्रा उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं।
ट्राई कानून इसके अध्यक्षों और सदस्यों को पद छोड़ने के बाद केंद्र या राज्य सरकारों में किसी अन्य पद पर नियुक्ति से प्रतिबंधित करता है। कानून के इस प्रावधान, जो मिश्रा को प्रधान सचिव नियुक्त करने के आड़े आ सकता था, मोदी सरकार ने इसके संशोधन के लिए अध्यादेश लागू किया।
मिश्रा की अध्यक्षता में ट्राई ने अगस्त 2007 में सिफारिश की थी कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए। मिश्र 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले की सुनवाई में दिल्ली की एक अदालत में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हो चुके हैं। इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा आरोपी हैं। मिश्रा पुलक चटर्जी का स्थान लेंगे जो मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव थे।
वह केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सचिव की भूमिका खासी महत्वपूर्ण होती है और वह पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय और मंत्रालयों के सचिवों के बीच समन्वय के लिए संपर्क का कार्य करता है।
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