संसद में हंगामे से जुड़े विवाद के CCTV फुटेज में विपक्षी सांसदों से धक्का-मुक्की करते दिखे मार्शल

विपक्ष ने आरोप लगाया कि बाहरी लोग जो संसद की सुरक्षा में नहीं थे, उन्हें महिला सांसदों सहित विपक्षी नेताओं और सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए बुलाया गया था.

नई दिल्ली:

संसद का मॉनसून सत्र इस बार हंगामे की भेंट चढ़ गया. जितने दिन भी सत्र चला कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं हो पाई. पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा. अब राज्यसभा का एक सीसीटीवी वीडियो जारी हुआ है, जिसमें विपक्ष के सदस्य मार्शलों से जूझते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि हंगामे के चलते ही मॉनसून सत्र को निर्धारित समय से पहले अचानक समाप्त करना पड़ा था. 2.5 मिनट के इस वीडियो में नारे लगाते हुए सांसद सदन के बीच में आ जाते हैं. वहीं वर्दीधारी मार्शल, जिनके पास संसद की सुरक्षा का जिम्मा है, वे उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं. विपक्ष के सदस्य कागजों के टुकड़े-टुकड़े करके फेंकते दिख रहे हैं. एक सांसद टेबल पर चढ़ते दिख रहे हैं. वैसे ये वीडियो तब सामने आया है जब विपक्ष ने मॉनसून सत्र को जल्द खत्म करने और सांसदों के साथ कथित बदसलूकी को खिलाफ आज विरोध-प्रदर्शन किया.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता एक विरोध मार्च के बाद संसद के बाहर इकट्ठे हुए और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा. आरोप लगाया कि बाहरी उन्होंने लोग जो संसद की सुरक्षा में नहीं थे, उन्हें महिला सांसदों सहित विपक्षी नेताओं और सदस्यों के साथ हाथापाई करने के लिए बुलाया गया था. एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया कि बिना किसी उकसावे के बाहरी लोगों को, जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा नहीं थे, विपक्षी नेताओं और सदस्यों से हाथापाई करने के लिए लाए गए. इस दौरान एक महिला सांसद भी वहां थीं, जो केवल सरकार के आचरण, अशिष्टता और उनकी आवाज दबाने का विरोध कर रही थी.

शिवसेना के राज्‍यसभा सांसद संजय राउत ने इस माके पर है, 'विपक्ष को संसद में अपपने विचार रखने का मौका नहीं मिला. बुधवार की महिला के खिलाफ जो घटना हुई, वह लोकतंत्र के खिलाफ है. ऐसा लगा कि हम पाकिस्‍तान सीमा पर खड़े हैं'.

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वहीं केंद्र सरकार ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया और विपक्ष के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने बड़े मंत्रियों को मैदान में उतारा. मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फेंस करके विपक्ष से संसद में मचे गतिरोध को लेकर माफी की मांग की. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्ष के इन आरोपों को "पूरी तरह से झूठा" बताया और कहा कि सीसीटीवी फुटेज में तथ्य स्पष्ट हैं.