
प्रतीकात्मक फोटो.
- अहमदाबाद के अलावा कहीं भी जीका विषाणु संबंधी जांच पॉजिटिव नहीं
- अब तक 36,613 लोगों और 16,571 मच्छरों के नमूनों की जांच की गई
- एहतियात बरतते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए गए
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नई दिल्ली:
देश में जीका वायरस के खौफ के दौर में सरकार द्वारा जारी की गई एक सूचना राहत देने वाली है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद की तीन प्रयोगशालाओं में जीका के तीन मामलों की पुष्टि हुई है. इसके अलावा कहीं भी जीका विषाणु संबंधी जांच पॉजिटिव नहीं पाई गई है. अहमदाबाद में जीका के मामले सामने आने पर गुजरात के साथ-साथ राजधानी दिल्ली और अन्य स्थानों पर भी इसको लेकर दहशत फैल गई थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद में जीका के तीन मामलों के पॉजिटिव पाए जाने के अलावा, भारत में जारी प्रयोगशाला-आधारित जांच में अभी तक 36,613 लोगों और 16,571 मच्छरों के नमूनों की जीका विषाणु संबंधी जांच की गई लेकिन उनमें से कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया.
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पर्याप्त एहतियात के तहत प्रभावित क्षेत्रों में इसके स्थानीय फैलाव को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं.
जीका वायरस से प्रभावित अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के लोगों में सरकार से नाराजगी है. उनका आरोप है कि सरकार ने जीका के संक्रमण के बारे में न तो बताया गया न ही स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए समय पर जरूरी कदम उठाए गए. खुशकिस्मती से जीका का प्रकोप महामारी नहीं बन सका वरना इस इलाके के लोगों को प्रशासन की लापरवाही का भारी खामियाजा भुगतना पड़ता. लोगों का आरोप है कि इस इलाके में पिछले कई महिनों से गंदगी बरकरार है. मच्छरों की उत्पत्ति के स्त्रोत बिखरे रहते हैं लेकिन प्रशासन कभी सफाई नहीं करता है.
(इनपुट एजेंसी से भी)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद में जीका के तीन मामलों के पॉजिटिव पाए जाने के अलावा, भारत में जारी प्रयोगशाला-आधारित जांच में अभी तक 36,613 लोगों और 16,571 मच्छरों के नमूनों की जीका विषाणु संबंधी जांच की गई लेकिन उनमें से कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया.
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पर्याप्त एहतियात के तहत प्रभावित क्षेत्रों में इसके स्थानीय फैलाव को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं.
जीका वायरस से प्रभावित अहमदाबाद के बापूनगर इलाके के लोगों में सरकार से नाराजगी है. उनका आरोप है कि सरकार ने जीका के संक्रमण के बारे में न तो बताया गया न ही स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए समय पर जरूरी कदम उठाए गए. खुशकिस्मती से जीका का प्रकोप महामारी नहीं बन सका वरना इस इलाके के लोगों को प्रशासन की लापरवाही का भारी खामियाजा भुगतना पड़ता. लोगों का आरोप है कि इस इलाके में पिछले कई महिनों से गंदगी बरकरार है. मच्छरों की उत्पत्ति के स्त्रोत बिखरे रहते हैं लेकिन प्रशासन कभी सफाई नहीं करता है.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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