यह ख़बर 24 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बेंगलुरु : एक चौथाई निजी स्कूल गैर-कानूनी, मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट जारी

बेंगलुरु:

"हमारा सर्वे अभी चल रहा है और अब तक उत्तरी और दक्षिण बेंगलुरु के तक़रीबन 1250 निजी स्कूल ऐसे पाए गए हैं जो गैर-कानूनी तौर पर चलाए जा रहे थे"। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और कर्नाटक के पब्लिक इंस्ट्रक्शन कमिश्नर एम मोहसिन ने यह जानकारी दी है। सरकार की ओर से सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट कर्नाटक के शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी की गई है।

कुछ ऐसे स्कूल इस सर्वे में सामने आए हैं जिन्होंने अपने आपको इंटरनेशनल स्कूल कहकर अभिभावकों से मोटी रकम वसूली है यानि सरकार और लोगों को गुमराह किया।

कुछ ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजा गया है जिन्होंने सिर्फ कन्नड़ भाषा में पढ़ाने की इजाज़त ली थी, लेकिन स्कूल को इंग्लिश मीडियम बनाकर बच्चों के माता-पिता को अंधेरे में रखकर पैसे बनाए हैं।

मामला यहीं नहीं थमा, बल्कि कुछ ऐसे स्कूलों के नाम भी इस सर्वे में सामने आए हैं जिन्होंने अनुमति पहली से 5वीं क्लास तक कन्नड़ भाषा में पढ़ाने की ली थी, लेकिन यहां दाखिला प्री-नर्सरी से लेकर 7वीं क्लास तक लिया जा रहा था।

दरअसल हाल में बेंगलुरु के कुछ स्कूलों में बच्चियों के साथ बदसलूकी के मामले सामने आए थे जिसके बाद जांच आरंभ की गई। जांच के दौरान यह पता चला कि इन स्कूलों में कई तरह की अनियमितताएं हैं।

लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए सरकार ने कई तरह के कदम उठाने का ऐलान किया था, जिनमें स्कूलों का सर्वे भी शामिल है।

जिन स्कूलों में बच्चियों के साथ बदसलूकी के मामले सामने आए उनमें से एक के खिलाफ जब शिक्षा विभाग ने क़दम उठाते हुए उसे बंद करने की कोशिश की तो स्कूल प्रबंधन को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। सररकार चाहती थी कि जिन क्लासेज की इजाज़त स्कूल को नहीं है उन्हें बंद कर वहां बच्चों के पास के उसी स्टैण्डर्ड के दूसरे स्कूल में दाखिला करवा दिया जाये।

बच्चों के ज़्यादातर अभिभावक इसके पक्ष में थे, लेकिन सैशन पूरा होने देने की दलील देकर स्कूल फिलहाल बच गए।

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हालांकि मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहा है और इसकी अगली सुनवाई 6 जनवरी 2015 को होनी है।