मोदी सरकार के प्रस्ताव की किन बातों पर है किसानों को ऐतराज?

सरकार के प्रस्ताव में शामिल तीन बिंदुओं को लेकर किसानों को आपत्ति है, केंद्र की ओर से किसानों को लिखित आश्वासन दिए जाने की संभावना

मोदी सरकार के प्रस्ताव की किन बातों पर है  किसानों को ऐतराज?

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के ऐलान करने और संसद से उन्हें वापस लेने के बाद भी किसानों (Farmers) का आंदोलन जारी है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने, किसान आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखा है उसके तीन बिंदुओं को लेकर किसानों को आपत्ति है.  

सरकार के प्रस्ताव में शामिल इन तीन बिंदुओं को लेकर किसानों को समस्या है -  

1. किसान कह रहे हैं कि MSP की कमेटी में उन लोगों को शामिल न किया जाए जो पहले तीनों कृषि कानून बनाने में शामिल थे. इसमे सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा के किसान संगठनों को शामिल किया जाए. 

2. सरकार ने कहा है कि पहले किसान आंदोलन वापस लें फिर मुकदमे रद्द होंगे. किसान कह रहे हैं कि पहले मुकदमे रद्द हों फिर आंदोलन वापस होगा.

3. किसान कह रहे हैं कि सरकार सैद्धांतिक तौर पर मुआवजा देने को तैयार है पर सरकार शहीद किसानों को पंजाब सरकार के मॉडल पर मुआवजा दे.

केंद्र सरकार (Union Government) ने फिर से कुछ किसान नेताओं (Farmer Leader) से संपर्क साधा है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द किसानों को उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन दे सकती है. इसके साथ ही हरियाणा में किसानों पर हुए मुक़दमों की वापसी पर भी केंद्र सरकार आज ही पत्र जारी कर सकती है.

ऐसा समझा जा रहा है कि अगर सरकार लिखित आश्वासन देती है तो किसान संगठन आंदोलन वापसी का फ़ैसला ले सकते हैं. प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानून वापसी का ऐलान करने और संसद से उसे वापस लेने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और वे न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को संसद में किसानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने लोकसभा में सरकार से मांग की है कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा और परिवार के सदस्यों को नौकरी मिलनी चाहिए. केंद्र सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि आप की सरकार कह रही है कि कोई किसान शहीद नहीं हुआ और आपके पास नाम नहीं हैं. उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के नाम लोकसभा में दिखाते हुए कहा कि किसानों का जो हक है, वह उन्हें मिलना चाहिए.

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