कड़ी मेहनत कर सफलता के शिखर पर पहुंचना ही सब कुछ नहीं है, वंचित और कमजोर वर्ग के लोगों को सशक्त बनाकर उन्हें भी वैसा मुकाम हासिल करने में मदद करना भी बहुत बड़ा परोपकार है. ऐसा ही कुछ बिहार के युवा अफसर डॉ. अनिल दास (Anil Das) कर रहे हैं. बिहार दिवस में अनिल दास की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. अनिल दास मुजफ्फरपुर में एसडीओ पश्चिम के पद पर कार्यरत हैं. अनिल दास हर रविवार को मुजफ्फरपुर में कमजोर तबके के बच्चों के लिए कोचिंग क्लास लेते हैं और उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराते हैं. धीरे-धीरे उनकी कक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
Bihar: Every Sunday, a govt officer in Muzaffarpur teaches underprivileged students who want to join civil services. "My effort is to guide students from remote areas who want to join civil services but can't afford coaching institutes' fees," says Dr Anil Das, SDO (West) (21.03) pic.twitter.com/GW1Q0ZBMpz
— ANI (@ANI) March 22, 2021
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डॉ. अनिल दास का कहना है कि उनका प्रयास दूरदराज से आए छात्रों को सिविल सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है, ऐसे बच्चे जो पैसे की कमी के कारण कोचिंग नहीं ले सकते. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने लिखा है कि बिरले लोग ही कामयाबी पाने के बाद दूसरों के बारे में सोच पाते हैं.
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एक यूजर्स ने लिखा है कि सरकार को ऐसा मंच खड़ा करना चाहिए ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल लोग दूसरों के लिए भी काम आ सकें. एक यूजर्स ने लिखा है कि बिहार के सीतामढ़ी जिले के डीएसपी धीरेंद्र भी ऐसे ही युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निर्देशन देते हैं. वहीं बिहार में बच्चों को इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी कराने वाली सुपर 30 के आनंद सर का भी उल्लेख भी कई लोगों ने किया.
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