
- दिल्ली विधानसभा के बिल्डिंग के ऐतिहासिक नक्शे के अनुसार फांसीघर के रूप में बताई गई जगह टिफिन रूम की लिफ्ट थी.
- स्पीकर के कमरे के पास दो लिफ्ट नुमा जगह थी, जो टिफिन पहुंचाने के लिए थी.
- आम आदमी पार्टी ने अगस्त दो हजार बाईस में फांसीघर को शहीदों से जोड़कर बताया था, जबकि बीजेपी ने इसका विरोध किया.
दिल्ली विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन 'फांसीघर' के मुद्दे पर हंगामा हुआ. सत्र शुरु होते ही विधानसभा अध्यक्ष बिजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में फांसी घर का इतिहास नहीं है, क्योंकि नेशनल आर्काइव से जब दिल्ली विधानसभा के बिल्डिंग का ऐतिहासिक नक्शा देखा तब पता चला कि जिसे फांसीघर बताकर आम आदमीं पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने उसका उद्घाटन करवा दिया था वो फांसीघर नहीं था बल्कि टिफिन रूम की लिफ्ट थी.
बीजेपी के विधायक ने सदन को बताया कि 1911 में बनी इस बिल्डिंग का नक्शा देखने के बाद पता चला कि स्पीकर सर जहां बैठते हैं वहां दो लिफ्ट नुमा जगह थी. ऊपर खाना बनने के बाद रस्सी के सहारे नीचे सदस्यों के लिए पहुंचाया जाता था. विधायक अभय वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार भैंस को बकरी बनाने में भरोसा रखते थे.
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि स्पीकर का कमरा कभी वायसराय का कमरा होता था. उसके बाद एक स्मोकिंग रूम भी है. यही नहीं जिसे फांसी का फंदा बताया गया वो टिफिन रूम के लिफ्ट की रस्सी हुआ करती थी. ये भी कहा गया कि दिल्ली विधानसभा में एक सुरंग भी है. लेकिन जब नक़्शा देखा गया तब पता चला कि ये वेंटीलेशन के लिए बनाया गया था., जो भी अंडर ग्राउंड बिल्डिंग होती है. उसमें इस तरह का स्ट्रक्चर बनता था. जो कि वेंटीलेशन के लिए होता था.
'आप' ने विधानसभा के फांसीघर पर क्या कहा?
दरअसल, उस वक्त आम आदमी पार्टी की सरकार ने 09 अगस्त 2022 को इसको फांसी घर बताया था और शहीदों से जोड़ा गया था. बीजेपी ने कहा कि वो भी उस दिन जब भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ थी. हालांकि, विधानसभा के फांसीघर पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि कहा दिल्ली में इतनी समस्याएं हैं. उसपर चर्चा न करते फांसीघर पर बहस हो रही है. जवाब में बीजेपी ने कहा कि इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास होना चाहिए.
आम आदमी पार्टी के विधायक ने सदन में Chat GPT का हवाला देकर कहा कि चैट जीपीटी बोल रहा है कि विधानसभा में फांसीघर है. जरनैल सिंह ने कहा कि ब्रिटिशकाल के काले कारनामों छिपाने के लिए ये किया जा रहा है. जवाब में प्रवेश वर्मा ने कहा कि Chat GPT से भी बता रहा है कि इस फांसीघर को आम आदमी पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने खोजा. ये सब झूठ इसके नाम पर नहीं चलेगा.
दिल्ली विधानसभा की इमारत का क्या है इतिहास
दिल्ली विधानसभा देश की पहली संसद थी. यानि आजादी से पहले Imperial Legislative Council यानि केंद्रीय विधानसभा की बैठक यहां होती थी. बाद में जब 1927 में आज का संसद भवन रायसीना में बनकर तैयार हो गया तब यहां से शिफ़्ट कर दिया गया. दिल्ली विधानसभा का इतिहास 100 से भी ज्यादा पुराना है. इस इमारत का नक्शा मशहूर वास्तुकार मांटेक थामस ने बनाया था और इमारत 1912 में बनकर तैयार हुई थी. बाद में जब दिल्ली को UT का दर्जा मिला तो इसको विधानसभा के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है.
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