पुरी:
उड़िसा के पुरी में छुआछूत का मामला सामने आया है। वहां के नौपाड़ा गांव के काली मंदिर में दलितों के घुसने पर पाबंदी है। गांव की अगड़ी जाति के लोगों ने बकायदा मंदिर के बाद एक बोर्ड भी लगा रखा है। दरअसल, पिछले साल अगस्त में तीन दलित लड़कियां मंदिर में चलीं गई थीं जिसके बाद वहां के ज़मीदारों ने ना सिर्फ ये बोर्ड लगा दिया बल्कि सज़ा के तौर पर दलितों को बंटाई पर दी गई ज़मीनें वापस ले लीं। वहां के 80 फ़ीसदी दलितों की रोज़ी−रोटी बंटाईदारी पर ही चलती थी। इस कदम से वे बेरोज़गार हो गए। बाद में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत उन्हें काम तो मिला लेकिन हाथ में सिर्फ आधी मज़दूरी ही आई। दलितों के साथ इस भेदभाव के खिलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए कोई नेता या राजनीतिक दल सामने नहीं आ रहा।
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