पीओके के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमले को लेकर एक नया खुलास हुआ है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार द नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) का दावा है कि वायुसेना के हमलों से ठीक पहले जैश के कैंप के आसपास 300 से ज्यादा मोबाइल फोन एक्टिव थे. बता दें कि भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिविर को लक्षित करने के लिए मंजूरी दिए जाने के बाद NTRO ने सुविधा की निगरानी शुरू कर दी थी. इसी दौरान ही उन्हें यह सूचना मिली थी. ध्यान हो कि 26 फरवरी की रात भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमान पीओके में दाखिल हुए थे. भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों पर 1000 कीलो का स्पाइस 2000 बम गिराया था. इसके कार्रवाई के बाद ही भारत ने दावा किया था कि उसने आतंकी ठिकानों को निस्तेनाबूद कर दिया है.
Sources: NTRO surveillance of JeM Balakot camp in days leading up to air strike by IAF confirmed around 300 active mobile connections in facility pic.twitter.com/uwyzd0qpHB
— ANI (@ANI) March 4, 2019
टेक्निकल सर्विलांस के दौरान पता चला था कि जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों के आसपास 300 मोबाइल से सिग्नल मिल रहे थे. सूत्रों के अनुसार इन ठिकानों को ही भारतीय वायुसेना ने तबाह किया था. सूत्रों के अनुसार भारत की अन्य खूफिया एजेंसी NTRO के साथ संपर्क में थी. बता दें कि अभी तक भारत सरकार ने मारे गए आतंकियों को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है. हालांकि सोमवार को वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने इस बात की पुष्टि की कि वायुसेना के जहाजों ने लक्ष्य पर सटिक वार किया है. जिससे लक्ष्य के आसपास बने सभी मकान तबाह हो गए हैं.
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उन्होंने कहा कि कितनें आतंकियों की मौत हुई यह देखना उनका काम नहीं है. इसके बारे में सिर्फ सरकार ही कुछ स्पष्ट कर सकती है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने पुलवामा हमले के बाद ही पीओके में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों पर हमले को हरी झंडी दे दी थी. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. भारतीय वायुसेना के हमले के बाद भारत सरकार के विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया से कहा था कि भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट ने आतंकी ठिकानों पर 26 फरवरी की सुबह हमला किया. इस हमले में हमने आतंकियों के कई ठिकानों को नष्ट किया है.
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री ने एस एस अहलुवालिया ने कहा है कि इस हमले का उद्देश्य मानवीय क्षति पहुंचाना नहीं बल्कि एक संदेश देना था कि भारत दुश्मन के क्षेत्र में अंदर दूर तक घुसकर प्रहार कर सकता है. अहलुवालिया ने कहा था कि न तो प्रधानमंत्री और न ही किसी सरकारी प्रवक्ता ने हवाई हमले के हताहतों पर कोई आंकड़ा दिया है. बल्कि यह तो भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया ही था जहां मारे गए आतंकवादियों की अपुष्ट संख्या की चर्चा हो रही थी. उन्होंने शनिवार को सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से सवाल किया कि हमने भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खबरें देखी हैं और यह भी देखा कि मोदीजी ने क्या कहा था.
हवाई हमले के बाद मोदीजी की रैली हुई और उन्होंने हताहतों की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मोदी या किसी सरकारी प्रवक्ता या हमारे पार्टी अध्यक्ष ने कोई आंकड़ा दिया है? इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा था कि इस हमले का इरादा एक संदेश देना था कि भारत जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान की नाक के नीचे तबाही मचाने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि हम कोई मानवीय क्षति नहीं चाहते थे. अहलुवालिया की टिप्पणी वाले वीडियो को माकपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर डालकर सवाल किया है कि क्या सरकार अपने इस दावे से पीछे हट रही है कि उसने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर को निशाना बनाया? (इनपुट एएनआई से)
VIDEO: आतंकी ठिकानों भारत की कार्रवाई.
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