नई दिल्ली:
प्याज के मुद्दे पर दिल्ली सरकार का नेफेड के साथ तकरार हो गया है। दिल्ली सरकार ने 280 स्थानों पर सस्ती प्याज बेचने का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार प्याज 40 रुपए किलो बेचेगी, जबकि नेफेड का कहना है कि सरकार दिल्ली में प्याज 25 रुपए किलो बेच सकती है।
नेफेड के मुताबिक दिल्ली सरकार को अप्रैल से लेकर अगस्त तक तीन पत्र लिखकर कहा गया कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें बढ़ने वाली हैं, वह दिल्ली सरकार को 19 रुपए किलो में सस्ता प्याज मुहैया करा सकती है। इसके बावजूद सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यही नहीं नेफेड के डायरेक्टर अशोक ठाकुर का कहना है कि दिल्ली सरकार के लिए 2500 मीट्रिक टन प्याज का प्रावधान किया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार नेफेड से प्याज नहीं खरीद रही है।
मंगलवार को देर शाम दिल्ली सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने नासिक में एसएफएसी संस्था से प्याज खरीदा है, जो खुद भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से जुड़ी है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि नेफेड मीडिया के जरिए लोगों को गुमराह न करे। ऐसा करके वह खुद दिल्ली सरकार से झगड़ा मोल लेना चाहती है।
दिल्ली सरकार ने इशारों ही इशारों में नेफेड के डायरेक्टर अशोक ठाकुर की राजनीतिक नियुक्ति की बात कहकर केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया। हालांकि दिल्ली सरकार ने यह माना कि 24 जुलाई को नेफेड की तरफ से एक चिट्ठी मिली थी जिसमें नासिक से प्याज लाने की बात कही गई थी।
उल्लेखनीय है कि नेफेड एक सहकारी संस्था है, जिसका काम कृषि उत्पादों के भंडारण और वितरण पर निगरानी रखना और सरकारों को इस मुद्दे पर सलाह देना है। देखने वाली बात यह है कि प्याज के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और नेफेड के बीच चल रही इस तकरार से क्या लोगों को सस्ती प्याज उपलब्ध हो पाएगी, या फिर इस तू..तू मैं..मैं का अंजाम भी दूसरे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की तरह मीडिया में सुर्खियां बनना ही होगा।
नेफेड के मुताबिक दिल्ली सरकार को अप्रैल से लेकर अगस्त तक तीन पत्र लिखकर कहा गया कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें बढ़ने वाली हैं, वह दिल्ली सरकार को 19 रुपए किलो में सस्ता प्याज मुहैया करा सकती है। इसके बावजूद सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यही नहीं नेफेड के डायरेक्टर अशोक ठाकुर का कहना है कि दिल्ली सरकार के लिए 2500 मीट्रिक टन प्याज का प्रावधान किया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार नेफेड से प्याज नहीं खरीद रही है।
मंगलवार को देर शाम दिल्ली सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने नासिक में एसएफएसी संस्था से प्याज खरीदा है, जो खुद भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से जुड़ी है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि नेफेड मीडिया के जरिए लोगों को गुमराह न करे। ऐसा करके वह खुद दिल्ली सरकार से झगड़ा मोल लेना चाहती है।
दिल्ली सरकार ने इशारों ही इशारों में नेफेड के डायरेक्टर अशोक ठाकुर की राजनीतिक नियुक्ति की बात कहकर केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया। हालांकि दिल्ली सरकार ने यह माना कि 24 जुलाई को नेफेड की तरफ से एक चिट्ठी मिली थी जिसमें नासिक से प्याज लाने की बात कही गई थी।
उल्लेखनीय है कि नेफेड एक सहकारी संस्था है, जिसका काम कृषि उत्पादों के भंडारण और वितरण पर निगरानी रखना और सरकारों को इस मुद्दे पर सलाह देना है। देखने वाली बात यह है कि प्याज के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और नेफेड के बीच चल रही इस तकरार से क्या लोगों को सस्ती प्याज उपलब्ध हो पाएगी, या फिर इस तू..तू मैं..मैं का अंजाम भी दूसरे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की तरह मीडिया में सुर्खियां बनना ही होगा।
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