नोट अमान्य करने के लिए सरकार के खिलाफ याचिका पर 15 नवम्बर के बाद सुनवाई होगी

नोट अमान्य करने के लिए सरकार के खिलाफ याचिका पर 15 नवम्बर के बाद सुनवाई होगी

प्रतीकात्मक फोटो।

खास बातें

  • बंबई उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ का सुनवाई से इनकार
  • याचिकाकर्ता 15 नवम्बर के बाद नियमित पीठ के समक्ष जाएं
  • करंसी नोट को खत्म करने के सरकार के निर्णय का स्वत: संज्ञान लेने की मांग
मुंबई:

बंबई उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ रुपये और एक हजार रुपये के नोट अमान्य करने को चुनौती दी गई है. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को 15 नवम्बर के बाद नियमित पीठ के समक्ष जाना चाहिए क्योंकि यह कानून से जुड़ा हुआ मामला है.

वकील जमशेद मिस्त्री और जब्बार सिंह की तरफ से दायर याचिका में अदालत से कल आग्रह किया गया कि करंसी नोट को खत्म करने के सरकार के निर्णय का स्वत: संज्ञान लिया जाए क्योंकि इससे आम आदमी को असुविधा हो रही है. याचिका में आरोप लगाया गया कि केंद्र ने ‘‘काफी जल्दबाजी’’ में काम किया है.

न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिका कानून के सवाल से जुड़ी हुई है और याचिकाकर्ताओं से कहा कि दिवाली की छुट्टी के बाद नियमित पीठ के समक्ष जाएं.

मिस्त्री और सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक की दो नवम्बर की अधिसूचना का हवाला दिया जिन्हें सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को भेजा गया. अधिसूचना में शीर्ष बैंक ने कहा था कि ‘पायलट परियोजना’ के तहत अगले 15 दिनों के अंदर सभी बैंकों की अधिकृत एटीएम मशीनों के दस फीसदी में सौ रुपये का करंसी नोट निकलना चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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