दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के अल्टीमेटम के बाद एमसीडी हरकत में आ गई है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आदेश जारी किया है कि रिटायर हो चुके कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर न रखा जाए। नगर निगम ने खराब आर्थिक हालत की वजह से यह फैसला लिया है और इससे करीब 500 कर्मचारी प्रभावित होंगे।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर योगेंद्र चंदौलिया ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि यह आदेश रिटायर होने के बाद कॉन्टैक्टर पर रखे गए कर्मचारियों के लिए है...वास्तव में इनकी आवश्यकता नहीं होती है और बैक डोर से ऐसे लोगों को एक्सटेंशन मिल जाता था। उल्लेखनीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम 700 करोड़ रुपये के सालाना घाटे में है।
एनडीटीवी इंडिया ने इस बारे में जब दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि रिटायर्ड कर्मचारी ठेके के कर्मचारी नहीं होते, हमारा आदेश मूल रूप से नौजवान कर्मचारियों के लिए है, क्योंकि रिटायर्ड कर्मचारियों को तो शायद पेंशन मिलती होगी। हम नगर निगम के आदेश की समीक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही सिसोदिया ने तीनों नगर निगम को तीन हफ्ते का अल्टीमेटम देकर कहा था कि वे घाटे से निकलने का कोई एक्शन प्लान सरकार के पास लेकर आए।
सिसोदिया ने तीनों नगर निगम के कमिश्नरों के साथ बैठक में साफ़ कहा था कि या तो तीन हफ्ते में वे निगम को घाटे से निकालने का एक्शन प्लान लेकर आएं या फिर जाएं। एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा था कि निगम घाटे में क्यों चल रहे हैं, इसकी जवाबदेही होनी चाहिए।
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