गृहमंत्रालय.
नई दिल्ली:
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनजर भारत में चीन के निवेश प्रस्तावों को सुरक्षा मंजूरी के नाम पर लंबित करने का सरकार की कोई योजना नहीं है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि चीन की कंपनियों के निवेश प्रस्ताव पर सुरक्षा संबंधी मंजूरी देने पर फिलहाल रोक लगाने जैसा कोई प्रस्ताव मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है.
किसी भी निवेश प्रस्ताव पर पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया के तहत ही यथावत मंजूरी दी जा रही है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. चीन की कंपनियों के भारत में निवेश प्रस्तावों पर भारत चीन सीमा विवाद के मद्देनजर सुरक्षा मंजूरी देने की प्रक्रिया को धीमा करने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.
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विदेशी कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को गृह मंत्रालय द्वारा नियत सुरक्षा मानकों की कसौटी पर खरा उतरना होता है इसके बाद ही मंत्रालय की सुरक्षा मंजूरी मिलने पर निवेश की मंजूरी मिलती है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में अप्रैल 2000 से मार्च 2017 तक चीन का निवेश 1.64 अरब डालर रहा है.
किसी भी निवेश प्रस्ताव पर पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया के तहत ही यथावत मंजूरी दी जा रही है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. चीन की कंपनियों के भारत में निवेश प्रस्तावों पर भारत चीन सीमा विवाद के मद्देनजर सुरक्षा मंजूरी देने की प्रक्रिया को धीमा करने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.
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विदेशी कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को गृह मंत्रालय द्वारा नियत सुरक्षा मानकों की कसौटी पर खरा उतरना होता है इसके बाद ही मंत्रालय की सुरक्षा मंजूरी मिलने पर निवेश की मंजूरी मिलती है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में अप्रैल 2000 से मार्च 2017 तक चीन का निवेश 1.64 अरब डालर रहा है.
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