रोहित वेमुला ने हैदराबाद युनिवर्सिटी के होस्टल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली
हैदराबाद:
केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ज़ोर देकर कहा है कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को लिखी गई उनकी चिट्ठी का हैदराबाद युनिवर्सिटी के रोहित वेमुला की खुदकुशी से कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दो हफ्ते पहले हॉस्टल से बाहर खदेड़ दिए गए एक 22 साल के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला के रविवार शाम खुदकुशी किए जाने के बाद से हंगामा मचा हुआ है।
इस हादसे के बाद शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में टीम भेजी है। वहीं इस मामले में केंद्र के श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर केस दर्ज कर लिया गया है। होस्टल के कमरे में मिली रोहित की लाश के पास एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है - मेरी खुदकुशी के पीछे कोई जिम्मेदार नहीं है। युनिवर्सिटी के छात्रों का आरोप है कि दत्तात्रेय के स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखने के बाद रोहित को कैम्पस के होस्टल और दूसरे इलाकों में जाने से रोक दिया गया था।
बीजेपी से कोई लिंक नहीं
उधर दत्तात्रेय ने मीडिया से बातचीत में कहा 'कुछ गैर सामाजिक तत्व युनिवर्सिटी की शांति को भंग कर रहे थे। मैंने मंत्रालय को बस उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा था। इस आत्महत्या का बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। जांच रिपोर्ट सब सामने ले आएगी।'
बता दें कि रोहित गुंटूर जिले का रहने वाला था और सोशियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। वह यूनविर्सिटी से निकाले जाने के बाद से कैंपस के बाहर तंबू लगाकर रह रहा था। उसके साथ चार और स्टूडेंट्स वहीं रहने को मजबूर थे क्योंकि उन पर भी हॉस्टल में घुसने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। अंबेडकर यूनियन के सदस्य इन पांचों दलित स्कॉलर्स पर बीजेपी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोप थे।
हालांकि यूनिवर्सिटी ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में जब कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी, तब यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट लिया था।
इस हादसे के बाद शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में टीम भेजी है। वहीं इस मामले में केंद्र के श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर केस दर्ज कर लिया गया है। होस्टल के कमरे में मिली रोहित की लाश के पास एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है - मेरी खुदकुशी के पीछे कोई जिम्मेदार नहीं है। युनिवर्सिटी के छात्रों का आरोप है कि दत्तात्रेय के स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखने के बाद रोहित को कैम्पस के होस्टल और दूसरे इलाकों में जाने से रोक दिया गया था।
बीजेपी से कोई लिंक नहीं
उधर दत्तात्रेय ने मीडिया से बातचीत में कहा 'कुछ गैर सामाजिक तत्व युनिवर्सिटी की शांति को भंग कर रहे थे। मैंने मंत्रालय को बस उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा था। इस आत्महत्या का बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। जांच रिपोर्ट सब सामने ले आएगी।'
बता दें कि रोहित गुंटूर जिले का रहने वाला था और सोशियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। वह यूनविर्सिटी से निकाले जाने के बाद से कैंपस के बाहर तंबू लगाकर रह रहा था। उसके साथ चार और स्टूडेंट्स वहीं रहने को मजबूर थे क्योंकि उन पर भी हॉस्टल में घुसने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। अंबेडकर यूनियन के सदस्य इन पांचों दलित स्कॉलर्स पर बीजेपी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोप थे।
हालांकि यूनिवर्सिटी ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में जब कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी, तब यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट लिया था।
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