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This Article is From Aug 13, 2012

अब शिकायत दर्ज करने महिलाओं को देर रात नहीं जाना होगा पुलिस थाने

मुंबई: महाराष्ट्र में अब महिलाओं, बच्चों और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को पुलिस थाने नहीं जाना होगा बशर्ते वे मामले में शिकायतकर्ता हों या गवाह।

राज्य की पुलिस ने ऐसा हलफनामा बॉम्बे हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के सामने दिया है।

महाराष्ट्र पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल देवेन भारती ने यह हलफनामा हाई कोर्ट में एएम खानविलकर और एआर जोशी की बेंच को दिया।

पुलिस का यह नया सर्कुलर महाराष्ट्र राज्य के सभी पुलिस थानों को भेजा गया है और उसे सख्ती से पालन करने को भी कहा गया है।

अपने हलफनामे में महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि महिलाओं और 15 साल से कम उम्र के बच्चों की शिकायत दर्ज करने या फिर उनकी गवाही दर्ज करने के लिए उन्हें पुलिस थाने नहीं बुलाया जाएगा।

एक पुलिस अधिकारी शिकायतकर्ता के घर जाकर उनका बयान दर्ज करेगी।

अपने हलफनामे में महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है, "सीआरपीसी की धारा 160 के तहत सर्कुलर जारी किया गया है।"

दरअसल, महाराष्ट्र पुलिस को यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दिया गया जिसमें आरोप लगे कि एक महिला को पुलिस थाने में देर रात तक बिठाकर रखा गया और उसकी शिकायत भी दर्ज नहीं की गई।

याचिकाकर्ता गीतल हलदनकर ने अपने याचिका में आरोप लगाए कि जब उन्होंने दिवा पुलिस थाने में जाकर एक एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहा तो उन्हें पुलिस थाने में देर रात तक बिठाकर रखा गया।

गीतल का आरोप है कि दिवा में उसने अपना एक फ्लैट किराये पर दे रखा था लेकिन एजेंट ने फर्जी अग्रीमेंट बनवाकर फ्लैट पर कब्ज़ा करना चाहा और जब गीतल ने मामले की शिकायत पुलिस से करनी चाही तो मामला दर्ज नहीं किया गया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को दिवा पुलिस के अधिकारियो पर विभागीय कार्यवाई करने का भी आदेश दिया है।

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