
अयोध्या:
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार कानून नहीं बनाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को अयोध्या में कहा कि मंदिर बने या नहीं यह सुप्रीम कोर्ट तय करेगी। इसके साथ ही उन्होंने तर्क दिया कि सरकार इस बाबत कानून नहीं बना सकती क्योंकि उनके पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा, 'बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने के वास्ते संसद में प्रस्ताव लाना इस बार संभव नहीं होगा।' राजनाथ यहां पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के वरिष्ठ नेता नृत्य गोपाल दास के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे।
यह पूछे जाने पर कि अगर बीजेपी को आने वाले दिनों में राज्यसभा में बहुमत प्राप्त हो जाता है, तो क्या वह राम मंदिर के लिए प्रस्ताव लाएगी, सिंह ने कहा, 'यह काल्पनिक सवाल है।'
आपकों बता दें कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के पास सदन के ऊपरी सदन में 45 सदस्य हैं और इसकी उम्मीद नहीं है कि वर्तमान कार्यकाल में उसे राज्यसभा में बहुमत प्राप्त होगा। 243 सदस्यीय सदन में विपक्ष के पास कम से कम 132 सदस्य हैं।
पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया था, उसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उसके द्वारा किए गए वादों में शामिल था।
इसके साथ ही पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादों में कुछ और विवादास्पद मुद्दे थे, जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करना और समान नागरिक संहिता शामिल है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा, 'बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने के वास्ते संसद में प्रस्ताव लाना इस बार संभव नहीं होगा।' राजनाथ यहां पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के वरिष्ठ नेता नृत्य गोपाल दास के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे।
यह पूछे जाने पर कि अगर बीजेपी को आने वाले दिनों में राज्यसभा में बहुमत प्राप्त हो जाता है, तो क्या वह राम मंदिर के लिए प्रस्ताव लाएगी, सिंह ने कहा, 'यह काल्पनिक सवाल है।'
आपकों बता दें कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के पास सदन के ऊपरी सदन में 45 सदस्य हैं और इसकी उम्मीद नहीं है कि वर्तमान कार्यकाल में उसे राज्यसभा में बहुमत प्राप्त होगा। 243 सदस्यीय सदन में विपक्ष के पास कम से कम 132 सदस्य हैं।
पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया था, उसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उसके द्वारा किए गए वादों में शामिल था।
इसके साथ ही पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादों में कुछ और विवादास्पद मुद्दे थे, जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करना और समान नागरिक संहिता शामिल है।
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