प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
"मैं खुदकुशी कर लूंगा और मैंने तो कह दिया अपने बेटे को कि जब वो पैसा लेने आएं तो मेरा डेथ सर्टिफिकेट दे देना, बोलना ये लो 14 लाख रुपये।" ये हताशा और निराशा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के ड्राइवर रविंद्र सिंह की है जिसकी गाड़ी से हादसा तो हुआ, लेकिन हर्जाना भी उसी के मत्थे आ गया। कोर्ट ने करीब 14 लाख 30 हजार रुपये जुर्माना भरने का फरमान जारी किया जिसके बाद रकम की वसूली के लिए पुलिस घर की कुर्की करने पहुंच गई।
संयोग से घर मां के नाम था लिहाजा कुर्की से बच गया लेकिन कोर्ट का फेरा अभी भी फांस बना है। अब पूर्वी दिल्ली नगर निगम का ड्राइवर रविंद्र का कहनाहै कि गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं करवा रखा है तो 14 लाख मुझे देने हैं। कहां से दूं। बच्चे को पढ़ाऊं। परिवार चलाऊं या रकम दूं।
दरअसल निगम की गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं है। हवाला मोटर वीकल एक्ट के तहत सरकारी गाड़ियों को मिलने वाली छूट का दिया जाता है। अब जब इस मामले में मुसीबत ड्राइवर के गले पड़ी तो निगम ये भरोसा दे रहा है कि जो कुछ बन पड़ा मदद करेंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रवक्ता योगेंद्र सिंह मान मानते हैं कि गाड़ी निगम की थी। ड्राइवर ड्यूटी पर था, लिहाजा विचार कर रहे हैं कि जो भरसक मदद हो सके हम करें।
ऐसे हादसों में ड्राइवर के मुश्किल में फंसने की ये पहली घटना नहीं है और आगे भी इससे इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में पूर्वी दिल्ली नगर निगम अब इसकी गुंजाइश तलाश रहा है कि क्यों ना सारी गाड़ियों का एक साथ इंश्योरेंस ही करवा दिया जाए।
संयोग से घर मां के नाम था लिहाजा कुर्की से बच गया लेकिन कोर्ट का फेरा अभी भी फांस बना है। अब पूर्वी दिल्ली नगर निगम का ड्राइवर रविंद्र का कहनाहै कि गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं करवा रखा है तो 14 लाख मुझे देने हैं। कहां से दूं। बच्चे को पढ़ाऊं। परिवार चलाऊं या रकम दूं।
दरअसल निगम की गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं है। हवाला मोटर वीकल एक्ट के तहत सरकारी गाड़ियों को मिलने वाली छूट का दिया जाता है। अब जब इस मामले में मुसीबत ड्राइवर के गले पड़ी तो निगम ये भरोसा दे रहा है कि जो कुछ बन पड़ा मदद करेंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रवक्ता योगेंद्र सिंह मान मानते हैं कि गाड़ी निगम की थी। ड्राइवर ड्यूटी पर था, लिहाजा विचार कर रहे हैं कि जो भरसक मदद हो सके हम करें।
ऐसे हादसों में ड्राइवर के मुश्किल में फंसने की ये पहली घटना नहीं है और आगे भी इससे इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में पूर्वी दिल्ली नगर निगम अब इसकी गुंजाइश तलाश रहा है कि क्यों ना सारी गाड़ियों का एक साथ इंश्योरेंस ही करवा दिया जाए।
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