केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने बुधवार को पिछले कुछ सालों के दौरान प्रदेश में जबरन धर्मांतरण की किसी भी घटना से इनकार किया।
बीते रविवार कथित तौर पर 35 ईसाइयों का धर्मांतरण कर उन्हें हिंदू बनाए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक के बाद संवाददाताओं से चांडी ने कहा, "हमारा राज्य इस तरह के विवादों से दूर है और यहां धर्मांतरण जैसी कोई घटना नहीं घटी है। यदि कोई अपना धर्म बदलने का फैसला खुद करता है, तो यह उनका खुद का फैसला है। यदि कहीं पर सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन इसके लिए जबरन धर्मांतरण होना चाहिए, और वह यहां नहीं हुआ है।"
केरल में खास बात यह है कि यहां हिंदू धर्म के अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोग सरकारी आरक्षण का फायदा उठा सकते हैं, लेकिन ऐसी व्यवस्था ईसाई समुदाय के अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोगों के लिए नहीं है।
मशहूर हिंदू एझवा नेता वेलापल्ली नातेसन ने कहा कि यहां धर्मांतरण की घटनाएं तब से हो रही हैं, जब इस इलाके में टीपू सुल्तान आया था।
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