अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी
वाशिंगटन:
अमेरिका के निवर्तमान बराक ओबामा प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका के लिए भारत एक अहम सहयोगी है और उसने दोनों देशों के बीच अभी तक के 'मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को कमज़ोर होते' नहीं देखा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "भारत इतना महत्वपूर्ण साझीदार है और इतनी अहम ताकत है कि मैंने भारत एवं अमेरिका के बीच अभी तक जो मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, उनमें किसी प्रकार की गिरावट होते नहीं देखी है..." नए प्रशासन में भारत एवं अमेरिका के संबंधों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने कहा, "मैं इस मंच का इस्तेमाल करके उस सलाह के बारे में बात नहीं करना चाहता, जो विदेशमंत्री (जॉन) कैरी उनके बाद इस पद को संभालने वाले को दे सकते हैं..."
उन्होंने कहा, "हम निसंदेह भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत में यकीन रखते हैं... यह कई विभिन्न स्तरों पर अहम एवं महत्वपूर्ण है और हम निश्चित ही भारत के साथ संबंधों के बारे में सूचना एवं संदर्भ मुहैया कराने के लिए वे सभी चीजें करेंगे, जिसकी सत्ता हस्तांतरण दल को आवश्यकता है, ताकि वे अपना निर्णय ले सकें..."
किर्बी ने कहा, "मैं इस बात का पूर्वानुमान नहीं जताऊंगा या इस बारे में चर्चा नहीं करूंगा कि आगामी प्रशासन भारत के साथ किस प्रकार बातचीत करेगा..." अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार के नोटबंदी के कदम संबंधी प्रश्नों के उत्तर देने से भी इंकार कर दिया, और इसे भारत का आंतरिक मामला बताया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "भारत इतना महत्वपूर्ण साझीदार है और इतनी अहम ताकत है कि मैंने भारत एवं अमेरिका के बीच अभी तक जो मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, उनमें किसी प्रकार की गिरावट होते नहीं देखी है..." नए प्रशासन में भारत एवं अमेरिका के संबंधों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने कहा, "मैं इस मंच का इस्तेमाल करके उस सलाह के बारे में बात नहीं करना चाहता, जो विदेशमंत्री (जॉन) कैरी उनके बाद इस पद को संभालने वाले को दे सकते हैं..."
उन्होंने कहा, "हम निसंदेह भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत में यकीन रखते हैं... यह कई विभिन्न स्तरों पर अहम एवं महत्वपूर्ण है और हम निश्चित ही भारत के साथ संबंधों के बारे में सूचना एवं संदर्भ मुहैया कराने के लिए वे सभी चीजें करेंगे, जिसकी सत्ता हस्तांतरण दल को आवश्यकता है, ताकि वे अपना निर्णय ले सकें..."
किर्बी ने कहा, "मैं इस बात का पूर्वानुमान नहीं जताऊंगा या इस बारे में चर्चा नहीं करूंगा कि आगामी प्रशासन भारत के साथ किस प्रकार बातचीत करेगा..." अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार के नोटबंदी के कदम संबंधी प्रश्नों के उत्तर देने से भी इंकार कर दिया, और इसे भारत का आंतरिक मामला बताया.
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