पटना:
बिहार के मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली में मुलाकात करने वाले हैं। पिछले दो महीने में दोनों नेताओं के बीच होनेवाली ये चौथी मुलाकात है।
आगामी बिहार चुनावों में तीसरी बार बिहार के मुख़्यमंत्री की रेस में शामिल नीतीश कुमार को आम-आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि वे बिहार चुनावों में अपना कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेंगे।
दिल्ली में फरवरी महीने में हुए चुनावों में जिसमें आम-आदमी पार्टी ने क्लीन-स्वीप किया था उसमें दिल्ली में रहने वाले लाखों बिहारियों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया था। तब से दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के लिए अपनी पसंद ज़ाहिर करने में कोई कोताही नहीं बरती है।
तब से दोनों नेताओं के बीच संबंध बेहतर हीं हुए हैं। नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर दिल्ली को पूर्ण-राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया है, केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आयी उसने लगातार दिल्ली को पूर्ण-राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर बीजेपी के साथ आर-पार के मूड में दिख रही है।
केजरीवाल का आरोप
केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी सरकार अनावश्यक तौर पर दिल्ली सरकार के काम-काज में हस्तक्षेप कर रही है। बिहार के मुख़्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की इस मांग का भी समर्थन किया है।
नीतीश कुमार ने हाल ही में दिल्ली के संदर्भ में सवाल किया था कि, ‘ये कैसी सरकार है जिसके मुख़्यमंत्री को अपने अधिकारियों का ट्रांसफर करने का भी अधिकार नहीं है, लेकिन उनके हर फैसले पर सवाल-जवाब किया जाता है?’
इसके अलावा दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल युवाओं में ख़ासे लोकप्रिय हैं, जिसका फायदा उठाने की कोशिश, नीतीश कुमार बिहार चुनावों के दौरान कर सकते हैं। नीतीश अरविंद केजरीवाल से या तो बिहार में उनके समर्थन में रैली करने का आग्रह कर सकते हैं या उनके पक्ष में आधिकारिक वक्तव्य़ जारी करने को कह सकते हैं।
केजरीवाल का प्रभाव
अरविंद केजरीवाल का बिहार चुनाव प्रचार में काफी महत्वपूर्ण प्रभाव है। नीतीश कुमार के मुख़्य चुनाव रणनीतिकार प्रवीण किशोर हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाई-प्रोफाईल चुनाव प्रचार में हाई-टेक औज़ारों का इस्तेमाल किया था।
अरविंद केजरीवाल के साथ एकमत होने के बाद नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार अभियान में केजरीवाल के चुनाव प्रचार का असर साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। नीतीश कुमार ने भी अपने चुनाव अभियान के दौरान सीधा जनता से जुड़ने की कोशिश शुरु कर दी है ताकि महत्वपूर्ण नीतियों पर जनता की सीधी राय जान सके।
ये तरीका दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रही है, जहां उन्होंने दिल्ली के बजट से लेकर पार्टी का मैनीफेस्टो तय करने तक में सीधे-सीधे लोगों से मिलकर राय ली है।
नीतीश कुमार सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दी गई इफ़्तार पार्टी में शामिल होने दिल्ली आए हुए थे, नीतीश की जेडीयू पार्टी के अलावा लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस आगामी बिहार विधानसभा चुनावों मिल कर लड़ रहे हैं।
आगामी बिहार चुनावों में तीसरी बार बिहार के मुख़्यमंत्री की रेस में शामिल नीतीश कुमार को आम-आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि वे बिहार चुनावों में अपना कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेंगे।
दिल्ली में फरवरी महीने में हुए चुनावों में जिसमें आम-आदमी पार्टी ने क्लीन-स्वीप किया था उसमें दिल्ली में रहने वाले लाखों बिहारियों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया था। तब से दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के लिए अपनी पसंद ज़ाहिर करने में कोई कोताही नहीं बरती है।
तब से दोनों नेताओं के बीच संबंध बेहतर हीं हुए हैं। नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर दिल्ली को पूर्ण-राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया है, केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आयी उसने लगातार दिल्ली को पूर्ण-राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर बीजेपी के साथ आर-पार के मूड में दिख रही है।
केजरीवाल का आरोप
केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी सरकार अनावश्यक तौर पर दिल्ली सरकार के काम-काज में हस्तक्षेप कर रही है। बिहार के मुख़्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की इस मांग का भी समर्थन किया है।
नीतीश कुमार ने हाल ही में दिल्ली के संदर्भ में सवाल किया था कि, ‘ये कैसी सरकार है जिसके मुख़्यमंत्री को अपने अधिकारियों का ट्रांसफर करने का भी अधिकार नहीं है, लेकिन उनके हर फैसले पर सवाल-जवाब किया जाता है?’
इसके अलावा दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल युवाओं में ख़ासे लोकप्रिय हैं, जिसका फायदा उठाने की कोशिश, नीतीश कुमार बिहार चुनावों के दौरान कर सकते हैं। नीतीश अरविंद केजरीवाल से या तो बिहार में उनके समर्थन में रैली करने का आग्रह कर सकते हैं या उनके पक्ष में आधिकारिक वक्तव्य़ जारी करने को कह सकते हैं।
केजरीवाल का प्रभाव
अरविंद केजरीवाल का बिहार चुनाव प्रचार में काफी महत्वपूर्ण प्रभाव है। नीतीश कुमार के मुख़्य चुनाव रणनीतिकार प्रवीण किशोर हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाई-प्रोफाईल चुनाव प्रचार में हाई-टेक औज़ारों का इस्तेमाल किया था।
अरविंद केजरीवाल के साथ एकमत होने के बाद नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार अभियान में केजरीवाल के चुनाव प्रचार का असर साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। नीतीश कुमार ने भी अपने चुनाव अभियान के दौरान सीधा जनता से जुड़ने की कोशिश शुरु कर दी है ताकि महत्वपूर्ण नीतियों पर जनता की सीधी राय जान सके।
ये तरीका दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रही है, जहां उन्होंने दिल्ली के बजट से लेकर पार्टी का मैनीफेस्टो तय करने तक में सीधे-सीधे लोगों से मिलकर राय ली है।
नीतीश कुमार सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दी गई इफ़्तार पार्टी में शामिल होने दिल्ली आए हुए थे, नीतीश की जेडीयू पार्टी के अलावा लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस आगामी बिहार विधानसभा चुनावों मिल कर लड़ रहे हैं।
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