विवादास्पद धर्मगुरु नित्यानंद को वर्ष 2010 में हुए बलात्कार के एक मामले की जांच के सिलसिले में पौरुष परीक्षण करवाना होगा, क्योंकि इस परीक्षण के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई वाली पीठ ने नित्यानंद को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करते हुए विवादित धर्मगुरु की यह परीक्षण करवाने के प्रति अनिच्छा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि बलात्कार के मामलों में दिन पर दिन हो रही वृद्धि को देखते हुए ऐसे परीक्षण आवश्यक हो रहे हैं।
साथ ही पीठ ने यह भी कहा था कि इस बात का कोई कारण नहीं है कि बलात्कार के मामले में आरोपी को पौरूष परीक्षण क्यों नहीं करवाना चाहिए।
उन्होंने वर्ष 2010 में हुए बलात्कार के मामले में पौरुष परीक्षण करवाने में विलंब के लिए पुलिस पर भी सवाल उठाया था। नित्यानंद की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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