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This Article is From Oct 09, 2017

NIA ने ऐसे सुलझाई झारखंड के पूर्व विधायक की हत्या की गुत्थी, 4 करोड़ की सुपारी दी गई थी

रमेश सिंह मुंडा की हत्या नक्सलियों ने  9 जुलाई 2008 को बुंडू नामक जगह पर कर दी थी. मुंडा के साथ उनके दो सुरक्षाकर्मियों और एक छात्र की भी मौत हुई थी.

NIA ने ऐसे सुलझाई झारखंड के पूर्व विधायक की हत्या की गुत्थी, 4 करोड़ की सुपारी दी गई थी
झारखंड के पूर्व विधायक की हत्या की गुत्थी सुलझी
रांची: झारखंड में पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है. इस मामले में एक पूर्व मंत्री राजा पीटर को जांच एजेंसी NIA जल्द गिरफ्तार कर सकती है. इससे पूर्व NIA ने रविवार को एक हवलदार शेषनाथ सिंह को गिरफ्तार किया था जो मुंडा की सुरक्षा में तैनात था. उसने जांच एजेंसी के साथ पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने नक्सलियों को मुंडा की गतिविधि और रास्ते के बारे में पहले से जानकारी दी थी. फ़िलहाल शेषनाथ सिंह को रांची की एक स्थानीय कोर्ट ने चार दिनों के रिमांड पर NIA को सौंपा गया है. रविवार को इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया और करीब चार जगहों पर छापेमारी की गई थी.  इस मामले में पूर्व मंत्री राजा पीटर के साथ भी पूछताछ चल रही है और जांच एजेंसी इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.  

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रमेश सिंह मुंडा की हत्या नक्सलियों ने  9 जुलाई 2008 को बुंडू नामक जगह पर कर दी थी. मुंडा के साथ उनके दो सुरक्षाकर्मियों और एक छात्र की भी मौत हुई थी. उस समय भी उनके परिवार वालों ने इस मामले में राजनैतिक साजिश की संभावना जताई थी. इस मामले में नक्सलियों के एक कमांडर कुंदन पाहन को आरोपी बनाया गया, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई, लेकिन कुंदन पाहन ने इस साल 14 मई को आत्मसमर्पण किया. बाद में पुलिस के साथ पूछताछ में उसने मुंडा की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की, लेकिन साथ ही साथ राजनैतिक लोगों के इशारे पर इस हत्या को अंजाम दिया था, ये भी माना.   

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इस बीच रमेश मुंडा के बेटे विकास मुंडा जो आजसू के टिकट पर राजा पीटर को हरा कर चुनाव जीते थे ने सहयोगी दल होने के नाते रघुबर दास सरकार से किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की. इसके बाद NIA ने जांच का काम संभाला. कुछ ही महीनों में इस हत्या की कहानी का परत-दर-परत खुलती चली गई. जहां एक और नक्सली नेता कुंदन पाहन ने मर्डर में अपनी भूमिका स्वीकार की और माना कि इस हत्या के बदले चार करोड़ देने का वादा किया गय़ा था.  पीटर ने यह पैसा उसे दिया लेकिन उसने संगठन में अधिकांश पैसा नहीं दिया. पाहन के साथ पूछताछ में शेषनाथ सिंह का नाम आया कि वह घटना के दिन नक्सलियों के साथ संपर्क में था.  

फिलहाल जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जल्द पीटर की गिरफ्तारी की जाएगी. वही मुंडा का परिवार जांच में आई तेजी से खुश है, लेकिन सवाल यह है कि क्या राजनैतिक वर्चस्व में राजेनता नक्सलियों तक से समझौता करने के लिए तैयार हैं. जब मुंडा की हत्या हुई और उसके बाद के विधानसभा चुनाव में पीटर जीत कर आए और निर्दलीय विधायक होने के बावजूद अल्पमत की सरकार को समर्थन देने के कारण उनका काफी राजनैतिक प्रभाव था.

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