दिल्‍ली में NGT की सख्ती, विभागों की चुस्ती

नई दिल्‍ली:

10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियां पर लगी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बाद अब ट्रैफिक से लेकर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट तक ऐक्शन में हैं। थोड़ा भी शक होते ही गाड़ियों को रोका जाता है और फिर दस्तावेजों की जांच पड़ताल होती है। किसी का चालान कटा तो किसी की गाड़ी जब्त हो गई।

नए कायदे के मुताबिक आमिर नाम के एक शख्‍स के मिनी ट्रक की मियाद खत्म हो गई है। लिहाजा रिटायरमेंट लेटर तैयार हो रहे हैं। आमिर बताते हैं कि हमें पता ही नहीं था कि ये नियम लागू हो गया है। नहीं तो गाड़ी लेकर निकलते ही नहीं। विकास का स्कूटर भले पेट्रोल से चलता है, लेकिन वो 15 साल से ज्यादा पुराना है तो कार्रवाई उसपर भी हो गई। विकास का कहना है कि गाड़ी फरीदाबाद में चलाते रहे हैं। बेशक 17 साल की है, लेकिन पिकअप भी ठीक दे रही थी और हमारा काम भी चल रहा था।

पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होने के दायरे में राजस्थान और हरियाणा रोडवेज से लेकर डीटीसी की बसें तक आ गईं, लेकिन रियायत किसी को नहीं मिली, बिना बड़े छोटे के भेदभाव के... चालान सबका हुआ।

राजस्थान रोडवेज के ड्राइवर बताते हैं कि गाड़ी चलाने में आज तक गड़बड़ी नहीं की। अब विभाग ही कागज नहीं देता तो हम क्या करें? वहीं हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर जितेंद्र का भी यही कहना है कि विभाग के पास ही कागजात होते हैं। आजतक दिक्कत नहीं आई। वहीं डीटीसी के कंडक्टर कृपा शंकर ने बताया कि पॉल्यूशन ओके है, लेकिन कागज डिपो में है।

इतना ही नहीं, मौके पर एनजीटी की तरफ से नियुक्त 6 लोकल कमिश्नर में से चार बदरपुर बॉर्डर पर निगरानी करते दिखे कि संबंधित विभाग नया कानून लागू कराने में कहीं ढिलाई तो नहीं बरत रहा। साथ ही इन्हें शुक्रवार को अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट भी पेश करनी है।


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