न्यूजीलैंड के हाई कमिश्नर ग्राहम मार्टन
नई दिल्ली: एनएसजी मामले पर भारत की राह में चीन को सबसे बड़ी बाधा के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन कई और देश थे जो सीधे तौर पर न सही, लेकिन सदस्यता के लिए प्रक्रिया और आधार का हवाला देकर भारत को कहीं न कहीं इससे दूर रख रहे थे। इसमें न्यूजीलैंड भी शामिल है।
न्यूजीलैंड के हाई कमिश्नर ग्राहम मार्टन भारत की एनएसजी सदस्यता की कोशिश पर कहा कि हम भारत के खिलाफ नहीं हैं। हमारा ज़ोर क्राइटेरिया/प्रोसेस को लेकर है। हमारे देश का स्टैंड इस मामले में साफ है। भविष्य में क्या बदलाव आएगा इस पर अभी कोई बात नहीं हुई है। यह एनएसजी देशों का मिलाजुला फ़ैसला होगा।
जब उनसे सवाल किया गया कि कहीं यह चीन के उकसावे का परिणाम तो नहीं। इस पर वह बोले, चीन की नीति उसकी अपनी नीति है। न्यूज़ीलैंड का उससे कोई मतलब नहीं है।