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This Article is From Jan 01, 2015

नए साल के जश्न में भीड़ कम, मुंबई में कम लोग बाहर निकले

नए साल के जश्न में भीड़ कम, मुंबई में कम लोग बाहर निकले
मुंबई:

मुंबई में नए साल जश्न का शांति से संपन्न हो गया। इसकी वजह मुंबई पुलिस की चाकचौंबद सुरक्षा व्यवस्ता तो है ही, लेकिन पिछले सालों की तुलना में इस बार लोगों का बाहर कम निकलना भी एक बड़ी वजह रही।

31 दिसंबर की रात को मुंबई में अमूमन गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राईव, गिरगांव चौपाटी और जुहू बीच पर बड़ी संख्या में लोग पूरे परिवार के साथ मौज-मस्ती के लिए निकलते हैं।

मनचले और असामाजिक तत्व अक्सर भीड़ का फायदा उठाकर छेड़खानी या चोरी को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती देते रहते हैं। आतंकी हमले की आशंका रहती है वो अलग। इसलिए मुंबई पुलिस ने इस बार अपनी पूरी ताकत यानि की तकरीबन 35 हजार पुलिस कर्मियों को सड़क पर तैनात कर दिया था।

गेटवे, गिरगांव और जुहू जैसी जगहों पर बेरिकेडिंग कर परिवार वाले और अकेले आए लोगों के लिए अलग-अलग इंतजाम किया था। इसके अलावा आपराधिक छवि वाले 1150 लोगों को पहले से ही हिरासत में लिया था। रातभर में 350 लोगों की धरपकड़ की वो अलग। नतीजा सबकुछ शांति से गुजर गया कहीं भी रंग में भंग नहीं पड़ा। हालांकि मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी धनंजय कुलकर्णी ने माना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार 30 फिसदी भीड़ कम थी। इस वजह से पुलिस का काम और आसान हो गया।

डीसीपी कुलकर्णी के मुताबिक छुट्टियां होने से बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित पहले ही मुंबई से बाहर चले गए थे। और जो शहर में थे उनमें से भी ज्यादातर ने अपनी निवासी सोसायटियों और घरों में ही जश्न मनाया। इसकी वजह से सड़कें भी खाली थीं और एक भी रैशड्राईविंग की घटना नहीं हुई।

हालांकि शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में 523 तो यातायात नियम तोड़ने के आरोप में 1055 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

जानकारों का मानना है कि पिछले दिनों हुआ बैंगलुरू धमाका भी एक बड़ी वजह रहा। किसी अनहोनी की आशंका से लोगों ने बाहर निकलने के बजाय अपनी सोसाइटियों और घरों में जश्न मानना बेहतर समझा।

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