पूर्व सैनिक को 1 करोड़ मुआवजा देने की अरविंद केजरीवाल सरकार की फाइल LG अनिल बैजल ने लौटाई, यह बताई वजह

पूर्व सैनिक को 1 करोड़ मुआवजा देने की अरविंद केजरीवाल सरकार की फाइल LG अनिल बैजल ने लौटाई, यह बताई वजह

पूर्व सैनिक मुआवजा मामला : अनिल बैजल और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल...

खास बातें

  • इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी हो चुकी है सुनवाई
  • अनिल बैजल से दिल्ली सरकार का यह पहला विवाद
  • इससे पहले दिल्ली सरकार के कई प्रस्तावों को दिखा चुके हैं हरी झंडी
नई दिल्ली:

नए एलजी अनिल बैजल से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का टकराव शुरू हो गया है. पूर्व सैनिक के परिवार को मुआवज़े की फाइल एलजी ने लौटा दी है. दिल्ली के एलजी ने पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की अरविंद केजरीवाल सरकार की फाइल लौटा दी है. फाइल लौटाते हुए एलजी ने कहा, 'राम किशन ग्रेवाल दिल्ली के नागरिक नहीं, हरियाणा के नागरिक हैं, इसलिए मुआवजा नहीं मिल सकता.' राम किशन ग्रेवाल पूर्व सैनिक थे, जिन्होंने OROP के लिए जंतर-मंतर पर नवम्बर 2016 में आत्महत्या की थी, जिसके बाद राहुल गांधी और सीएम अरविंद केजरीवाल जब उनके परिवार से मिलने गए थे. उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने ग्रेवाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवज़े का ऐलान किया था.

यह पहला मौका है जब नए एलजी अनिल बैजल से अरविंद केजरीवाल सरकार का टकराव हो रहा हो और केजरीवाल के किसी फैसले पर एलजी ने रेड सिग्नल दिखा है, हालांकि हाल ही में केजरीवाल सरकार के एक के बाद एक फैसले जैसे गेस्ट टीचर वेतन बढ़ोतरी, न्यूनतम मजदूरी बढ़ोतरी, मोहल्ला क्लिनिक सरकारी स्कूल में खोलने के फैसले को एलजी हरी झंडी दी थी.

इससे पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हमें याचिका में कोई आधार नजर नहीं आ रहा है आप ये बताइए सरकार ने किस कानून का उल्लंघन किया है? सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आपको सरकार के किसी फैसले के खिलाफ कोई आपत्ति है तो आप धरने पर बैठ जाइए और कहिए कि हम अगली बार आपको वोट नहीं करेंगे. याचिका में ग्रेवाल को शहीद घोषित करने के दिल्ली सरकार के फैसले का भी विरोध किया गया था. याचिका में कहा गया था कि खुदकुशी जैसे कदम का महिमामंडन नहीं करना चाहिए. याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि ग्रेवाल दिल्ली के निवासी नहीं थे. उन्हें दिल्ली सरकार मुआवजा कैसे दे सकती है. उनका यह भी कहना है कि यह 1 करोड़ की रकम दिल्ली के जनता द्वारा टैक्स में दिए पैसे हैं. राम किशन ग्रेवाल ने पर वन रैंक, एक पैंशन (OROP) से धरने को लेकर दिल्ली में खुदकुशी कर ली थी.


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