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This Article is From Oct 10, 2018

राफेल सौदे में नया खुलासा, दसॉल्ट के दस्तावेज में लिखा- रिलायंस की साझेदारी जरूरी : रिपोर्ट

दसॉल्ट के दस्तावेज में रिलायंस को आफसेट पार्टनर बनाने के लिए फ्रेंच शब्द 'contrepartie' का उपयोग किया, इस शब्द का अंग्रेजी में अर्थ "counterpart" है

राफेल सौदे में नया खुलासा, दसॉल्ट के दस्तावेज में लिखा- रिलायंस की साझेदारी जरूरी : रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
खोजी खबरों की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने नया खुलासा किया
अनिल अम्बानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को पार्टनर बनाना आवश्यक किया गया
दसॉल्ट के एक आंतरिक दस्तावेज में मिला उल्लेख
नई दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की खोजी खबरों की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने नया खुलासा किया है. 'मीडियापार्ट' वेबसाइट ने अपने हाथ लगे दसॉल्ट के एक दस्तावेज के हवाले से दावा किया है कि राफेल सौदे के बदले दसॉल्ट को रिलायंस से डील करने को कहा गया.

इससे पहले मीडिया पार्ट को दिए इंटरव्यू में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने खुलासा किया था कि किस तरह रिलायंस को पार्टनर बनाने के लिए फ्रांस की सरकार को भारत सरकार ने कहा था.

गौरतलब है कि तब दसॉल्ट ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा था राफेल सौदा दो सरकारों के बीच हुआ है. लेकिन नए खुलासे ने इस दावे पर सवाल खड़ा कर दिया है और एक तरह से यह ओलांद के दावे की पुष्टि करता है.

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मीडियापार्ट के अनुसार राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कम्पनी दसॉल्ट के एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक भारत से 36 राफेल विमान सौदे में अनिल अम्बानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को भारत में आफसेट पार्टनर बनाना आवश्यक था.     
मीडियापार्ट ने अपने लेख में कहा है कि दसॉल्ट के दस्तावेज में रिलायंस को आफसेट पार्टनर बनाने के लिए  फ्रेंच शब्द 'contrepartie' का उपयोग किया. इस शब्द का अंग्रेजी में अर्थ "counterpart" है.

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NDTV ने दसॉल्ट से इस रिपोर्ट को लेकर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला.

VIDEO : फ्रांस के राष्ट्रपति ने दिया सीधा जवाब

फ्रांस के पूर्व  राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पिछले महीने मीडियापार्ट को दिए एक साक्षात्कार में दावा किया था कि फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था. भारत सरकार ने 59, 000 करोड़ रुपये का राफेल सौदा किया. विमान निर्माता दसॉल्ट ने स्पष्ट किया था कि रिलायंस डिफेंस के साथ साझेदारी करने का निर्णय स्वयं भारत का ही था.

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