वर्ल्ड नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिसीज डे पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बैंगनी और नारंगी रोशनी से जगमगाया

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव हरमीत सिंह ग्रेवाल ने उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों को खत्म करने के लिए एक जन आंदोलन चलाने पर जोर दिया

वर्ल्ड नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिसीज डे पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बैंगनी और नारंगी रोशनी से जगमगाया

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

भारत तीसरे विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस (World Neglected Tropical Diseases Day) को मनाने के लिए 40 अन्य देशों के साथ शामिल हुआ तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बैंगनी और नारंगी रंग की रोशनी से जगमगा उठा. राष्ट्रीय वेक्टर-बॉर्न डिसीज कंट्रोल सेंटर (NCVBDC) द्वारा रविवार को यह दिवस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव हरमीत सिंह ग्रेवाल ने उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों ( NTD)को खत्म करने के लिए एक जन आंदोलन चलाने पर जोर दिया.

ग्रेवाल ने कहा कि,  "एक व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता है. हमें इससे एक साथ लड़ना चाहिए और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों को खत्म करने के लिए एक जन आंदोलन बनाने के लिए स्कूली बच्चों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों को शामिल करना चाहिए." नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को रोशन करने का उद्देश्य जनता के बीच उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करना और उनके उन्मूलन की दिशा में प्रगति करना है.

एनटीडी ज्यादातर विभिन्न प्रकार के रोगजनकों के कारण होते हैं जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, कवक और विषाक्त पदार्थ शामिल हैं. यह विश्व स्तर पर 1.7 बिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करते हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन बीमारियों को "उपेक्षित" किया जाता है क्योंकि वे विकसित देशों के वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडे में लगभग अनुपस्थित हैं और कलंक और सामाजिक बहिष्कार से जुड़े हैं.

लिम्फैटिक फाइलेरिया, डेंगू और विसरल लीशमैनियासिस पर गहन ध्यान देने के साथ इन बीमारियों को खत्म करने की दिशा में भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए एनसीवीबीडीसी के निदेशक डॉ तनु जैन ने कहा, "ज्यादातर लोग उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के बारे में नहीं जानते हैं क्योंकि ये रोग गरीबों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों और लोगों को प्रभावित करते हैं." उन्होंने कहा कि "हमें ऐसी बीमारियों के बारे में संदेश को बढ़ाने और उन्मूलन लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके सकारात्मक, महत्वाकांक्षी और जीतने योग्य लक्ष्य बनाने की आवश्यकता है. यह सभी हितधारकों के बीच घनिष्ठ समन्वय के माध्यम से होगा." 

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झारखंड, गुजरात और कर्नाटक में भी उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों को खत्म करने की प्रतिबद्धता के रूप में प्रतिष्ठित स्थलों और स्मारकों को रोशन किया गया. रांची में राजेंद्र सर्कल और झारखंड में गोड्डा जिले में क्लॉक टॉवर गुलाबी और नारंगी रंगों से जगमगा उठा. विश्व एनटीडी दिवस को चिह्नित करने के लिए बेंगलुरु में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के कार्यालय भवन को भी रोशन किया गया.