फोर्डा का काउंसलिंग की अनुमति देने का आग्रह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: नीट-पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा (NEET-PG EWS Quota) मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. अर्जी में अदालत से काउंसलिंग की अनुमति देने का आग्रह किया गया है. फोर्डा ने अर्जी में कहा कि आज के समय में ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है. नीट-पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस, ओबीसी कोटा से जुड़ी एक याचिका पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
अर्जी में कहा गया है कि- उक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को इस तथ्य से और मजबूती मिलती है कि हेल्थकेयर बुनियादी ढांचे में पहले से ही कर्मचारियों की कमी है और इसलिए ऐसे मुश्किल समय में इसे नुकसानदेह स्थिति में नहीं डाला जा सकता है. OBC और EWS के आरक्षण मानदंड में अगर अब संशोधन की प्रक्रिया की जाती है तो ये NEET-PG काउंसलिंग की शुरुआत और उसके बाद अंतिम चयन में निश्चित रूप से आगे देरी का कारण बनेगा.
बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'रेजिडेंट डॉक्टरों की चिंता वास्तविक है. अगर हम आज दीवान और दातार दोनों को सुन लें. तो कल एसजी सुन सकते हैं. हम इस मामले में आदेश जारी करना चाहते हैं.'
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जस्टिस चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, '25 नवंबर को जब आपने हमसे कहा कि आप मानदंडों पर फिर से विचार करेंगे. हमने कहा था कि मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होगी. आपने अपना हलफनामा दायर किया है. हमें याचिकाकर्ताओं को संक्षेप में अवसर देना होगा.
इस पर तुषार मेहता ने कहा, ' ये कोटा जनवरी, 2019 का है.इसे कई आवेदकों पर लागू किया गया है. हम ऐसे बिंदु पर हैं जहां काउंसलिंग अटकी हुई हैं. हमें डॉक्टरों की जरूरत है और हम एक समाज के रूप में आरक्षण और लंबी बहस में नहीं जा सकते हैं.
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